बेनगाँव-जवारनालंदाबिग ब्रेकिंगराजगीरहादसा

बेन में करंट से युवक की मौत, BDO की बड़ी लापरवाही आया सामने

बेन (नालंदा दर्पण)। बेन थाना क्षेत्र के भातु बिगहा गाँव में एक दुखद हादसे ने पूरे गाँव को हिलाकर रख दिया। 26 वर्षीय रविश कुमार अपने खेत में धान की रोपनी के लिए बिचड़ा देने का काम कर रहा था कि उसी दौरान बिजली के करंट तार की चपेट में आने से मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि क्षेत्र में बिजली विभाग और प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया।

घटना उस समय हुई जब रविश कुमार खेत के पास स्कूल के समीप काम कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह अचानक जर्जर बिजली के तार के संपर्क में आ गया। करंट का झटका इतना तेज था कि वह जोर से चिल्लाते हुए वहीं गिर पड़ा।

रविश के दादा पास में ही थे। वे  अपने पोते को बचाने की कोशिश में दौड़े, लेकिन सदमे से बेहोश हो गए। ग्रामीणों ने तुरंत रविश को परवलपुर के एक निजी क्लीनिक में पहुँचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

गाँव में इस घटना के बाद शोक की लहर दौड़ गई। रविश के परिवार में कोहराम मच गया और उनकी माँ का रो-रोकर बुरा हाल था। रविश बहुत मेहनती और हँसमुख था। वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। अब उनके परिवार का क्या होगा?

ग्रामीणों ने इस हादसे के लिए बिजली विभाग की घोर लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। भातु बिगहा और आसपास के क्षेत्रों में बिजली के तार जर्जर हालत में हैं और कई जगहों पर खुले में लटक रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि हमने कई बार बिजली विभाग को शिकायत की थी कि तारों को ठीक किया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर समय पर कार्रवाई होती, तो शायद यह हादसा टल सकता था।

हादसे की सूचना मिलते ही बेन थाना के एसआई श्यामसुंदर राम अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे। उन्होंने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की कोशिश की, लेकिन परिजनों ने शव सौंपने से इनकार कर दिया। परिजनों की मांग थी कि बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) मौके पर आएँ और स्थिति का जायजा लें। लेकिन बीडीओ ने घटनास्थल पर आने से साफ मना कर दिया।

एसआई ने बीडीओ को फोन पर जानकारी दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यहाँ तक कि एक स्थानीय पत्रकार ने जब बीडीओ से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इस रवैये से न केवल परिजन, बल्कि पुलिस और गाँव वाले भी नाराज दिखे।

अंततः कई घंटों के हंगामे और समझाने-बुझाने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए बिहारशरीफ के सदर अस्पताल भेज दिया। रविश के परिजनों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने मृतक के परिवार के लिए मुआवजे की भी माँग की।

यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का एक जीता-जागता उदाहरण भी है। गाँव वालों का कहना है कि अगर बिजली के तारों की मरम्मत और रखरखाव पर ध्यान दिया जाता तो शायद रविश आज अपने परिवार के साथ होता। अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस घटना से सबक लेगा और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कदम उठाएगा?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!