बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने ने स्कूल परिसर में किसी भी प्रकार की गैर-शैक्षणिक गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें विशेष रूप से डांस, ड्रामा और सोशल मीडिया के लिए रील्स बनाने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
एक सवाल के जवाब में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि स्कूल के अंदर केवल शैक्षणिक कार्यों को ही अनुमति दी जाएगी। स्कूल की बाउंड्री में सिर्फ और सिर्फ शैक्षणिक कार्य ही किये जायेंगे। कोई डांस, ड्रामा और रील की अनुमति नहीं होगी।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई किताबों और पाठ्यक्रम पर जोर देते हुए एसीएस ने कहा कि किताब के पूरे अध्याय सिलेबस का हिस्सा हैं और विभाग जल्द ही एक औपचारिक सिलेबस भी उपलब्ध कराएगा। इस दिशा में बाल अधिकारों के प्रावधानों को भी लागू किया जाएगा और विद्यार्थियों को इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके साथ ही दसवीं से बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं में कंप्यूटर विषय का प्रश्नपत्र ऑनलाइन देने की भी योजना बनाई गई है। यह कदम शिक्षा में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने और छात्रों को डिजिटल युग के साथ तालमेल बिठाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने प्रधानाध्यापकों की ज़िम्मेदारी पर भी जोर देते हुए कहा कि स्कूल प्रशासन के प्रमुख होते हुए उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कक्षाएं समय पर शुरू हों और पढ़ाई की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अब तक किसी प्रधानाध्यापक ने किसी शिक्षक के खिलाफ पढ़ाई में लापरवाही की शिकायत नहीं की है। लेकिन यदि निष्पक्ष शिकायत आती है तो उस पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी।
वेशक यह फैसला शिक्षा के माहौल को सुधरने और बच्चों के अकादमिक विकास को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि स्कूल के बाहर विद्यार्थियों को सोशल मीडिया गतिविधियों में शामिल होने की छूट होगी। लेकिन स्कूल परिसर को पूरी तरह से शैक्षणिक कार्यों के लिए समर्पित किया जाएगा।
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