अन्य
    Tuesday, March 25, 2025
    अन्य

      ACS सिद्धार्थ ने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को सौंपी यूं बड़ी जिम्मेवारी

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। ACS Siddharth Action: सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर उनकी सेवाकालीन प्रशिक्षण तक, बच्चों को अभ्यास पुस्तिका, एफएलएन टीएलएम किट, स्कूल बैग, नोटबुक जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। बावजूद इसके वरीय पदाधिकारियों के विद्यालय निरीक्षण में यह सामने आया है कि अधिकांश शिक्षक कक्षा में नवीन शिक्षण पद्धति का उपयोग नहीं कर रहे हैं और न ही उन्हें प्रदान की गई टीएलएम किट का सही तरीके से इस्तेमाल हो रहा है।

      इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने एक पत्र जारी कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों की भूमिका और दायित्वों को स्पष्ट करते हुए कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता सुधारने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

      प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित कार्यों को अनिवार्य किया है।

      वर्ग शिक्षक की जिम्मेदारी: प्रत्येक शिक्षक को अपने कक्षा के सभी छात्रों के अधिगम स्तर का रिकॉर्ड रखना होगा।

      कक्षा मॉनीटर की अनिवार्यता: प्रत्येक कक्षा में एक मॉनीटर अनिवार्य रूप से नियुक्त किया जाएगा, जिसे हर महीने बदला जा सकेगा ताकि अधिक बच्चों में नेतृत्व क्षमता विकसित हो।

      समय-सारणी का अनुपालन: विद्यालयों में कक्षाओं के लिए निर्धारित समय-सारणी का सख्ती से पालन करना होगा।

      अभिभावकों से संपर्क: जिन बच्चों का अधिगम स्तर अपेक्षित नहीं है, उनके अभिभावकों से व्यक्तिगत संपर्क कर अतिरिक्त ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

      शिक्षकों की बैठक: विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रत्येक सप्ताह शिक्षकों के साथ बैठक कर कक्षा की प्रगति की समीक्षा करेंगे।

      निदेशक ने स्पष्ट किया है कि सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में वर्गवार शिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए यह आवश्यक होगा कि वर्ग शिक्षकों को विद्यार्थियों के अधिगम स्तर का रिकॉर्ड रखना होगा। शिक्षकों को अकादमिक कैलेंडर के अनुरूप शिक्षण कार्य कराना अनिवार्य होगा।

      विद्यालय प्रधान को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिक्षण सामग्री का कक्षा में प्रभावी उपयोग हो रहा है। सभी कक्षाओं में मॉनिटर व्यवस्था लागू की जाएगी। जिससे छात्रों में नेतृत्व क्षमता विकसित हो।

      शिक्षा विभाग के इन नए निर्देशों से सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है। इन निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल विद्यार्थियों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी, बल्कि शिक्षकों की जवाबदेही भी तय होगी। यदि इन निर्देशों का सही तरीके से पालन किया गया तो सरकारी विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!