बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। होली हर्ष और उल्लास का पर्व माना जाता है। लेकिन नालंदा जिले के विशिष्ट शिक्षकों के लिए यह त्योहार फीकी पड़ती दिख रही है। यहां करीब 4200 नियोजित शिक्षकों ने विशेष परीक्षा पास कर विशिष्ट शिक्षक का दर्जा प्राप्त किया था। लेकिन उनके वेतन भुगतान की समस्या अभी भी बनी हुई है।
बताया जाता है कि बीते दो महीनों से विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया अटकी हुई है। जिला कार्यालय द्वारा प्राण नंबर जनरेट करने और अन्य आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन अभी तक वेतन शिक्षकों के खाते में नहीं पहुंचा है। परिणामस्वरूप जनवरी और फरवरी का वेतन मार्च में भी नहीं मिल सका। जिससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है।
त्योहारों के मौसम में जब हर कोई रंगों और उल्लास में डूबा होगा। तब जिले के विशिष्ट शिक्षक वेतन न मिलने के कारण परेशान रहेंगे। कई शिक्षकों ने कहा कि वेतन न मिलने के कारण वे न तो होली की तैयारी कर पा रहे हैं और न ही अपने परिवार के लिए जरूरी सामान खरीदने की स्थिति में हैं।
इस मुद्दे पर जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि वेतन भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से किया जाना है और जैसे-जैसे राज्य कार्यालय से डाटा आ रहा है, जिला कार्यालय उसे ट्रेजरी को भेज रहा है। उनका दावा है कि धीरे-धीरे करके सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा रहा है और जल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
विशिष्ट शिक्षकों का कहना है कि उन्हें वेतन भुगतान में हो रही देरी से ऐसा लग रहा है कि प्रशासन उनकी समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है। वेतन न मिलने से उनकी आजीविका पर संकट गहरा गया है और इस स्थिति में होली की खुशियों की उम्मीद करना व्यर्थ सा लग रहा है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन अपने दावों को कब तक पूरा करता है और शिक्षकों को उनका लंबित वेतन कब तक मिलता है। फिलहाल उनकी होली बेरंग होने के आसार नजर आ रहे हैं।
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