“शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ की यह नई पहल न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाएगी, उम्मीद है यह भी सुनिश्चित करेगी कि सरकारी स्कूलों में दी जाने वाली सुविधाओं और सेवाओं का लाभ बच्चों तक वास्तविक रूप से पहुंचे…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। अब सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर और टीचरों को स्कूल की गतिविधियों और व्यवस्थाओं को लेकर विभागीय मुख्यालय से कुछ भी छुपाना संभव नहीं होगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ ने एक नई प्रणाली लागू की है। इस अभियान के तहत पटना से सीधे वीडियो कॉल के माध्यम से स्कूलों का निरीक्षण किया जाएगा। इस नई व्यवस्था ने जिले के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और हेडमास्टरों में हड़कंप मचा दिया है।
पूर्व में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता, स्कूल की मूलभूत सुविधाओं और कक्षाओं की स्थिति को लेकर हेडमास्टरों के द्वारा गलत या अधूरी जानकारी देने के मामले सामने आते रहे हैं। अब इस नई प्रणाली के तहत ऐसी गड़बड़ियों पर रोक लगाई जाएगी।
जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) ने सभी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के हेडमास्टरों ( HM) को इस निरीक्षण प्रणाली के बारे में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि विभाग द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर 9153468895 से आने वाली वीडियो कॉल को अनिवार्य रूप से रिसीव करना होगा। कॉल के दौरान स्कूल परिसर, कक्षाओं की स्थिति, छात्रों की उपस्थिति और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था को फ्रंट और बैक कैमरे से दिखाना अनिवार्य होगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा प्रतिदिन 10 स्कूलों का निरीक्षण वीडियो कॉल के माध्यम से किया जाएगा। इस दौरान हेडमास्टरों से स्कूल संचालन से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे और तत्काल निर्देश दिए जाएंगे। हेडमास्टर और टीचर ईयरफोन का उपयोग करके बातचीत को स्पष्ट रूप से सुन सकते हैं और अपनी बात प्रभावी ढंग से रख सकते हैं।
इस नई व्यवस्था के लागू होने से सरकारी स्कूलों में सतर्कता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है। टीचरों और हेडमास्टरों को अब सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल में सभी गतिविधियां सही ढंग से चल रही हों और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
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