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पुलिस स्टीकर चस्पा उत्पाद विभाग की स्कॉर्पियो से शराब की तस्करी, 4 गिरफ्तार

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Alcohol smuggling in Excise Department's Scorpio with police sticker pasted on it, 4 arrested
Alcohol smuggling in Excise Department's Scorpio with police sticker pasted on it, 4 arrested

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में शराब माफियाओं ने तस्करी के लिए पुलिस स्टीकर लगे वाहनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। सोहसराय थाना पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान मुगलकुआं मोहल्ला से एक स्कॉर्पियो में भारी मात्रा में देसी शराब बरामद की है। इस दौरान पुलिस ने शराब के नशे में धुत चालक समेत चार तस्करों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक स्कॉर्पियो से शराब की बड़ी खेप लोहगानी मोहल्ले की ओर जा रही है। सूचना के आधार पर रात करीब दो बजे पुलिस ने वाहन चेकिंग अभियान चलाया। चेकिंग के दौरान जब स्कॉर्पियो को रोका गया, तो उसमें शराब की बोतलों से भरे दस बोरों में कुल 150 लीटर देसी शराब बरामद हुई।

वाहन में सवार लोहगानी निवासी रविन्द्र पासवान, चालक लालू कुमार, परशुराम पासवान और जीतेंद्र पासवान को तुरंत हिरासत में ले लिया गया। जांच में पता चला कि ये सभी व्यक्ति शराब के नशे में थे। हैरानी की बात यह है कि तस्करी के लिए इस्तेमाल की गई स्कॉर्पियो पर ‘पुलिस’ का स्टीकर लगा था। ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके।

पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह स्कॉर्पियो संभवतः उत्पाद विभाग में किराए पर भी चलती थी। चर्चा है कि इस गाड़ी का इस्तेमाल छापेमारी के बाद बरामद शराब को ठिकाने लगाने और अवैध रूप से बेचने में किया जा रहा था।

यह घटना यह दर्शाती है कि शराब माफिया अब कानून को धोखा देने के लिए नई-नई तरकीबें अपना रहे हैं। पुलिस के स्टीकर का इस्तेमाल करना माफियाओं की संगठित और सुनियोजित योजना को उजागर करता है।

नालंदा में शराबबंदी लागू होने के बावजूद इस तरह की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों के उपकरण और प्रतीक कैसे तस्करों के हाथ लग जाते हैं। यह घटना न केवल शराबबंदी की असफलताओं को उजागर करती है, बल्कि पुलिस और संबंधित विभागों के बीच समन्वय और निगरानी की कमी की ओर भी इशारा करती है।

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