कतरीसराय (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में साइबर अपराध के जाल को तोड़ने के लिए कतरीसराय थाना क्षेत्र के बरीठ गांव में एक बड़े पुलिस अभियान ने सभी का ध्यान खींचा है। राजगीर डीएसपी सुनील कुमार सिंह, गिरियक इंस्पेक्टर मनीष भारद्वाज और कतरीसराय थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी के संयुक्त नेतृत्व में दर्जनों घरों पर छापेमारी की गई, जिसमें आठ साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया और 13 अन्य संदिग्धों की पहचान की गई। गुप्त सूचना और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर शुरू हुआ यह अभियान बरीठ गांव को साइबर ठगी का गढ़ साबित करता है।
गिरफ्तार किए गए आठ संदिग्धों अंचल कुमार, उम्र 21 वर्ष, पिता श्रीकांत पासवान, मूल निवासी कुबेर, थाना घोसी, जिला जहानाबाद, वर्तमान निवासी बरीठ, थाना कतरीसराय, जिला नालंदा, मंटू कुमार, उम्र 22 वर्ष, पिता विजय पासवान, गोलू कुमार, उम्र 19 वर्ष, पिता केतुल पासवान, सौरभ कुमार, उम्र 19 वर्ष, पिता नंदलाल चौधरी, रवि रौशन कुमार उर्फ पप्पू पासवान, उम्र 34 वर्ष, पिता विजय पासवान, राहुल पासवान, उम्र 25 वर्ष, पिता हरिनंदन पासवान, राजू कुमार, उम्र 22 वर्ष, पिता सुरेश प्रसाद, कुंदन पासवान, उम्र 28 वर्ष, पिता विजय पासवान शामिल हैं।
अंचल कुमार को छोड़कर सभी संदिग्ध बरीठ गांव, थाना कतरीसराय, जिला नालंदा के स्थायी निवासी हैं। पुलिस ने 13 अन्य संदिग्धों की भी पहचान की है। जिनमें आजाद पासवान, पवन पासवान, रजनीश कुमार, प्रदीप कुमार, दीपक कुमार, चंदन कुमार, शैलेंद्र कुमार उर्फ पुलपुल, सोनू कुमार उर्फ चिकना, अनिल प्रसाद और भूषण चौधरी शामिल हैं। ये सभी बरीठ के निवासी हैं और अभी फरार हैं, लेकिन पुलिस का दावा है कि इन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
थानाध्यक्ष सत्यम तिवारी ने बताया कि यह छापेमारी गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर की गई। अभियान में 12 हाई-एंड मोबाइल फोन, एक आईफोन और दो कीपैड मोबाइल जब्त किए गए, जो कथित तौर पर ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच से अपराध के पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है।
छापेमारी दल में एसआई गुरुदेव खड़िया, एएसआई स्वीटी सोरेन, एएसआई मनीष कुमार, पीटीसी संजय कुमार राम, पीटीसी लालू कुमार, महिला आरक्षी सचिता कुमारी और निशु कुमारी शामिल थे।
बता दें कि यह अभियान ऐसे समय में हुआ है जब नालंदा में साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं और कतरीसराय इसकी नई गढ़ बनता जा रहा है। फर्जी लोन स्कीम से लेकर पहचान की चोरी तक, ये अपराधी देश भर के लोगों को निशाना बना रहे हैं। जब्त किए गए उन्नत उपकरण इस नेटवर्क की जटिलता को दर्शाते हैं, जिसने प्रशासन को और सतर्क कर दिया है।



