बेन (रामावतार कुमार)। पर्व त्योहारों पर खाद्य सामग्री एवं मिठाइयों की मांग व बिक्री बढ़ जाती है। मांग बढ़ने से उसमें मिलावटी कारोबार भी तेज हो जाता है। चाहे खाने पीने की चीज क्यों न हो। मिठाई की खपत बढ़ जानें के कारण मिठाई व्यापारी इसका भरपूर फायदा उठाते हैं।
बताया जाता है कि सिंथेटिक दूध, खोआ, पनीर एवं आलू, मैदा से कई प्रकार की मिठाईयां तैयार की जाती है।इसके अलावा अररोट, सिंथेटिक दूध में डिटरजेंट पाउडर और रिफाइन का इस्तेमाल किया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
चिकित्सकों ने भी बताया कि मिलावटी मिठाई सेहत के लिए पूरी तरह से नुकसानदेह है। मिलावटी मिठाइयों के सेवन से कई प्रकार की बिमारियां पैदा होती है। ऐसे मिठाइयों के सेवन से लोगों को परहेज करने की जरूरत है।
★ सक्रिय है मिलावटी मिठाइयों के धंधेबाज: दूध से बनने वाली मिठाइयों की जगह पाउडर से मिठाईयां तैयार कर बाजारों में धड़ल्ले से धंधेबाज पहुंचा रहे हैं। मिलावटी मिठाइयों के धंधेबाज को हर दो दिनों पर लोहे के टीनों में भरकर बाजारों में पहुंचाते देखा जा सकता है। जिसमें छेना और रसगुल्ला शामिल है।
★ जिम्मेदार विभाग निष्क्रिय: वहीं जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई कारवाई न होने के कारण मिलावट खोरों का कार्य निरंतर जारी है। नाम न छापने के सवाल पर एक दुकानदार ने बताया कि मिलावटी मिठाई कम दामों पर मिल जाता है और ग्राहक भी दाम कम होने के कारण ले लेता है। और हमें भी मुनाफा अच्छा मिल जाता है।
यह पूछे जानें पर की मिलावटी मिठाईयां तो सेहत के लिए खराब है, तो दुकानदार ने कहा कि हमें तो सिर्फ मुनाफा से मतलब है। सच कहा जाय तो जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों को मिलावटी व केमिकल युक्त मिठाइयों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और सेहत से खिलवाड़ करने वाले कारोबारियों पर कारवाई होनी चाहिए
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