बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बख्तियारपुर-रजौली फोरलेन (Bakhtiyarpur-Rajouli four lane) पर बिहारशरीफ अंचल क्षेत्र अंतर्गत पावापुरी रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के पास स्थित रेलवे फाटक को बुधवार रात अचानक बंद कर दिया गया। सुबह जब स्थानीय लोगों ने सड़क पर बड़े-बड़े स्लैब देखे तो हंगामा मच गया। आवागमन ठप होने से नाराज लोगों के विरोध के बाद स्लैब का एक हिस्सा हटाया गया। लेकिन विवाद अभी थमा नहीं है।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि NH-20 पर बना ओवरब्रिज पूरी तरह चालू हो चुका है। इसलिए फाटक बंद करने का निर्णय लिया गया। वहीं स्थानीय लोग अंडरपास के निर्माण के बिना इस कदम को तानाशाही बता रहे हैं।
आरपीएफ इंस्पेक्टर जवाहर लाल के अनुसार रेलवे से प्राप्त पत्र के आधार पर बुधवार रात फाटक बंद किया गया था। हालांकि स्थानीय लोगों ने इसे खोल दिया। जिसके बाद फिर से टीम भेजने की तैयारी की जा रही है। दूसरी ओर स्थानीय निवासियों का कहना है कि बिना अंडरपास के फाटक बंद करना गलत है। उनका आरोप है कि रेलवे ने चोरी-छिपे यह कार्रवाई की। विरोध के बाद स्लैब का एक हिस्सा हटाया गया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि फाटक बंद होने से बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी। आपात स्थिति में अस्पताल पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ेगा। आग लगने की स्थिति में दमकल गाड़ियों को भी लंबा रास्ता तय करना होगा। रोजगार के लिए बिहार शरीफ जाने वाले ग्रामीण और मोहल्लेवासियों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। लोगों की मांग है कि पहले अंडरपास बनाया जाए, उसके बाद ही फाटक बंद किया जाए।
पावापुरी के पास बने इस रेलवे ओवरब्रिज के नीचे और आसपास रहने वाली करीब 30 हजार की आबादी इस फैसले से प्रभावित होगी। बिहार शरीफ नगर निगम के वार्ड नंबर 50 का विजवनपर मोहल्ला तीन हिस्सों में बंट जाएगा। एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाने के लिए 5-6 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ेगा। देवीसराय, किसान बाग, बैंक कॉलोनी, मेहरपर, सिपाह, पहाड़पुर, राणा बीघा, कोरई, पचौरी, तुंगी समेत कई गांवों के लोग भी प्रभावित होंगे।
फाटक बंद होने से न केवल सड़क मार्ग से आने-जाने वाले लोग प्रभावित होंगे, बल्कि पावापुरी रेलवे हाल्ट से ट्रेन पकड़ने वाले यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ेंगी। बिहार शरीफ से पटना या राजगीर जाने वाले हजारों यात्री रोजाना इस रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। फाटक बंद होने पर उन्हें 10 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना पड़ेगा।
स्थानीय लोगों ने अंडरपास निर्माण के लिए नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार से गुहार लगाई है। सांसद ने भरोसा दिया कि वह इस मुद्दे को रेल मंत्रालय के सामने उठाएंगे और जल्द समाधान की कोशिश करेंगे। वहीं सदर एसडीओ काजले वैभव नितिन ने इस मामले में जानकारी न होने की बात कही। उन्होंने बताया कि रेलवे प्रशासन ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी है और जांच के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी।
बहरहाल, पावापुरी रेलवे फाटक का मुद्दा अब स्थानीय लोगों और रेलवे प्रशासन के बीच तनाव का कारण बन गया है। जहां रेलवे ओवरब्रिज से वाहनों की आवाजाही तेज हुई है। वहीं नीचे रहने वाली आबादी के लिए वह परेशानी का सबब बन गया है। लोगों की दो टूक मांग है कि पहले अंडरपास, फिर फाटक बंद। अब देखना यह है कि इस समस्या का समाधान कितनी जल्दी और कैसे होता है। (समाचार स्रोत: भास्कर)
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