बिहार का यह ग्रीनफील्ड फोरलेन शुरु, भूटान तक का सफर हुआ आसान

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This Greenfield four lane of Bihar is started, travel from Patna to Bhutan has become easy
This Greenfield four lane of Bihar is started, travel from Patna to Bhutan has become easy

बिहारशरीफ (नालंदा)। बिहार के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बहुप्रतीक्षित बख्तियारपुर से मोकामा तक नवनिर्मित ग्रीनफील्ड फोरलेन पर आवागमन शुरू हो गया है। 44.6 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन शुरु होते ही बाद पटना से मोकामा तक की यात्रा अब पहले से कहीं अधिक तेज और सुगम हो गई है।

यह परियोजना न केवल बिहार के स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि असम के गुवाहाटी और पड़ोसी देश भूटान तक की यात्रा को भी आसान बनाएगी। इस फोरलेन के शुरू होने से पटना और मोकामा के बीच का सफर अब महज एक घंटे में पूरा हो सकेगा, जबकि पहले इस दूरी को तय करने में ढाई से तीन घंटे लगते थे।

वहीं बख्तियारपुर से मोकामा की दूरी अब आधे घंटे में पूरी हो जाएगी। यह परियोजना बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास में एक नया अध्याय जोड़ेगी। क्योंकि यह फोरलेन एक ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत तैयार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य पटना और मोकामा के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना और यात्रा समय को कम करना है।

हालांकि, बख्तियारपुर के पास एक रेलवे ब्रिज का निर्माण अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके कारण लगभग एक किलोमीटर के हिस्से में फिलहाल टू-लेन आवागमन ही संभव है। फिर भी इस फोरलेन के शुरू होने से यात्रियों को बड़ी राहत मिली है।

इस फोरलेन से न केवल पटना और मोकामा के निवासियों को फायदा होगा, बल्कि लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, भागलपुर, जमुई, शेखपुरा, पूर्णिया और खगड़िया जैसे जिलों के लोग भी इससे लाभान्वित होंगे। बेहतर सड़क संपर्क से इन क्षेत्रों में व्यापार, परिवहन और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

यह फोरलेन केवल बिहार तक सीमित नहीं है। यह असम के गुवाहाटी और पड़ोसी देश भूटान तक यात्रा को भी सुगम बनाएगा। इससे पूर्वोत्तर भारत के साथ बिहार का संपर्क मजबूत होगा और क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना बिहार को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सच पुछिए तो बिहार के लिए यह फोरलेन न सिर्फ एक सड़क है, बल्कि विकास का एक नया रास्ता भी है। बेहतर सड़क नेटवर्क से उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन में वृद्धि होगी और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा। इस परियोजना को राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास में मील का पत्थर माना जा रहा है।

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