राजगीर (नालंदा दर्पण)। पूर्व मध्य रेलवे द्वारा संचालित बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलखंड का विंडो ट्रैलिंग निरीक्षण किया गया। यह प्रक्रिया रेलवे लाइन की सुरक्षा, संरचना और तकनीकी मानकों की जांच के लिए की जाती है।
करीब 150 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड के निरीक्षण के लिए रेलवे के प्रमुख मुख्य इंजीनियर शैलेश वर्मा अपनी विशेष टीम के साथ रेलवे के विशेष सैलून कोच में सवार होकर निरीक्षण यात्रा पर निकले। यह ट्रैलिंग लगभग दो घंटे तक चली। जिसमें रेलवे ट्रैक, सिग्नलिंग सिस्टम, पुलों, सुरंगों और अन्य तकनीकी पहलुओं की बारीकी से जांच की गई।
सूत्रों के अनुसार पूरे निरीक्षण के दौरान रेलवे ट्रैक की तकनीकी स्थिति सामान्य पाई गई और किसी भी प्रकार की गंभीर खामी सामने नहीं आई। निरीक्षण टीम ने ट्रैक की स्थिति, पुलों की मजबूती, ओवरहेड वायरिंग, रेल फिश प्लेट्स, स्लीपरों की गुणवत्ता और ट्रैक बैलास्ट की समुचित मात्रा पर विशेष ध्यान दिया।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निरीक्षण एक नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रेल पथ की निरंतर निगरानी और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विंडो ट्रैलिंग के दौरान यदि किसी भी तरह की तकनीकी गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे तत्काल दुरुस्त किया जाता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
दरअसल विंडो ट्रैलिंग रेलवे की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो ट्रेन संचालन की गुणवत्ता और सुरक्षा को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। इस निरीक्षण से न केवल रेल पथ की स्थिति का आकलन किया जाता है, बल्कि किसी संभावित तकनीकी खराबी को समय रहते दूर करने में भी मदद मिलती है।
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