पटना (नालंदा दर्पण)। बिहार में छठे चरण की शिक्षक बहाली के दौरान नियुक्त किए गए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के वेतन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। जमुई जिला शिक्षा पदाधिकारी (स्थापना शाखा) कार्यालय से जारी एक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कक्षा 1-5 के लिए बहाल हुए बीएड शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ फिलहाल नहीं मिलेगा।
जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश के अनुसार बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों का प्रशिक्षित वेतनमान प्राप्त करने के लिए आवश्यक शर्तों का पालन नहीं किया गया है। आदेश में बताया गया है कि कक्षा 1-5 के लिए नियुक्त बीएड योग्यताधारी शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतन का निर्धारण केवल तभी किया जा सकता है, जब वे छह महीने का विशेष प्रशिक्षण पूरा कर लेते हैं।
वेतन निर्धारण पर रोकः जिन शिक्षकों का दो वर्ष की सेवा के बाद प्रशिक्षित वेतन निर्धारित किया गया था, उसे अब तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। ऐसे सभी शिक्षकों को अब अप्रशिक्षित वेतन के रूप में वेतन मिलेगा।
इसके साथ ही संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का पुनः निर्धारण करके जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को सौंपें।
शिक्षकों में नाराजगीः इस फैसले से प्रभावित शिक्षक वर्ग में नाराजगी का माहौल है। कई शिक्षकों का कहना है कि नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान बीएड योग्यताधारी होने के बावजूद अब उन्हें अप्रशिक्षित वेतन दिया जा रहा है, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
इस निर्णय से राज्य भर के बीएड योग्यताधारी शिक्षक प्रभावित होंगे और आने वाले समय में इसे लेकर विरोध या कानूनी कदम उठाए जाने की संभावना है।
बहरहाल, बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया और वेतनमान को लेकर नए विवादों ने एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और शिक्षा विभाग इस समस्या का समाधान कैसे करते हैं और प्रभावित शिक्षकों के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
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