Home समस्या सरकारी स्कूलों में पेयजल संकट दूर करने में BEO-DEO विफल

सरकारी स्कूलों में पेयजल संकट दूर करने में BEO-DEO विफल

BEO-DEO failed to solve drinking water crisis in government schools
BEO-DEO failed to solve drinking water crisis in government schools

हिलसा (नालंदा दर्पण)। सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। थरथरी प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय अस्ता में पिछले कई महीनों से पेयजल संकट गहराया हुआ है। लेकिन विभाग के कानों तक इसकी गूंज नहीं पहुंच रही।

इस विद्यालय में दो हैंडपंप और दो बोरिंग हैं। लेकिन वे या तो खराब पड़े हैं या उनकी मरम्मत नहीं की गई। ऐसे में 433 नामांकित छात्रों में से प्रतिदिन आने वाले 250-300 बच्चों को पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है। मजबूरन छात्र-छात्राओं को घर से पानी लाना पड़ता है। ताकि प्यास बुझाई जा सके।

विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने इस गंभीर समस्या को लेकर लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता को पत्र लिखा था। जब कोई समाधान नहीं मिला तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) और जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) तक भी शिकायत पहुंचाई गई। लेकिन आश्वासनों के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

जबकि विद्यालय में मध्याह्न भोजन के लिए भी पानी की जरूरत होती है। लेकिन पानी की कमी के कारण अन्यत्र से पानी लाकर भोजन तैयार किया जा रहा है। भोजन करने के बाद बच्चे अपनी थालियां धोने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। वर्तमान में विद्यालय के निकट रहने वाले एक स्थानीय निवासी ने अस्थायी रूप से पानी उपलब्ध कराया है। लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है। लेकिन अब तक कोई प्रभावी समाधान नहीं निकला। सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की यह स्थिति बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर समस्या को लेकर कब संज्ञान लेता है या फिर बच्चों की प्यास सिर्फ आश्वासनों से ही बुझाई जाएगी?

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