बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के सभी सरकारी शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। अब स्कूल लेट पहुंचने पर शिक्षकों का वेतन नहीं कटेगा। अगर शिक्षक एक महीने में चार दिन तक 10 मिनट से अधिक देर से पहुंचते हैं तो उनका वेतन काटने की बजाय एक कैजुअल लीव (सीएल) से एडजस्ट किया जाएगा। इस नए आदेश का असर प्रदेश के लगभग 5 लाख शिक्षकों पर पड़ेगा।
पिछले महीने कटा था 17 हजार शिक्षकों का वेतनः अक्टूबर महीने में 17 हजार शिक्षकों का वेतन महज कुछ मिनट की देरी के कारण काटा गया था। अटेंडेंस सिस्टम में एक मिनट की भी देरी होने पर उस दिन का पूरा वेतन काट लिया जाता था। इससे शिक्षकों में नाराजगी थी। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है।
समझें क्या है नया आदेश? बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि अब शिक्षकों के स्कूल लेट पहुंचने पर उनकी उपस्थिति को ई-शिक्षा कोष एप पर लेट पंच के रूप में दर्ज किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग की तय नियमावली के अनुसार यदि शिक्षक एक महीने में चार बार 10 मिनट से अधिक लेट होते हैं तो उनकी एक छुट्टी काटी जाएगी। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि 10 मिनट तक की देरी को माफ किया जा सकता है।
5 लाख शिक्षकों को मिली बड़ी राहतः इस नए नियम से बिहार के करीब 5 लाख शिक्षक लाभान्वित होंगे। शिक्षकों को सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का पालन करने की सलाह दी गई है। पहले इंटरनेट या तकनीकी समस्याओं के कारण पंचिंग में देरी होने पर प्रिंसिपल को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सूचना देनी होती थी। यह एक लंबी और समय लेने वाली प्रक्रिया थी। अब इस आदेश से शिक्षकों को राहत मिलेगी और छोटी-छोटी देरी के कारण वेतन कटने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
जाहिर है कि इस आदेश के लागू होने से शिक्षक अधिक सहज महसूस करेंगे और उन्हें अनुचित वेतन कटौती की चिंता नहीं रहेगी। जो अब तक एक बड़ी समस्या बनी हुई थी।
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