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Bihar land survey: वंशावली में बेटियों का नाम अनिवार्य, पिता की संपत्ति को लेकर नए नियम जारी

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Bihar land survey Daughters' names mandatory in genealogy, new rules issued regarding father's property
Bihar land survey Daughters' names mandatory in genealogy, new rules issued regarding father's property

यह गाइडलाइन जमीन विवादों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगी। इससे न केवल महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित होंगे, बल्कि पारिवारिक संपत्ति के विवादों में भी कमी आएगी

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार ने भूमि सुधार और महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गैरमजरूआ जमीन से जुड़े मामलों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के तहत अब वंशावली में महिलाओं का नाम दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पहल महिलाओं को संपत्ति में समान अधिकार दिलाने के साथ-साथ जमीन विवादों को कम करने के लिए की गई है।

नई गाइडलाइन के अनुसार वंशावली तैयार करते समय सभी महिलाओं का नाम दर्ज करना अनिवार्य होगा। यह नियम सुनिश्चित करेगा कि संपत्ति के अधिकार से महिलाएं वंचित न रहें।

यदि कोई महिला संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं चाहती है तो उसे शपथ पत्र के माध्यम से अपने अधिकार का त्याग करना होगा। ऐसे मामलों में खानापुरी प्रक्रम में उसका नाम दर्ज नहीं किया जाएगा।

यदि संपत्ति का बंटवारा सक्षम न्यायालय द्वारा किया गया है तो उसी के अनुसार वंशावली में नाम दर्ज किया जाएगा। यह नियम कानूनी रूप से बंटवारे को प्राथमिकता देता है।

अगर वसीयतकर्ता ने अपनी स्वअर्जित संपत्ति का वसीयत केवल पुत्रों के पक्ष में किया है तो पुत्रियों के नाम से खाता नहीं खोला जाएगा। हालांकि अन्य सभी परिस्थितियों में पुत्रियों को पिता की संपत्ति में नियमानुसार हिस्सा मिलेगा।

यह गाइडलाइन महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में उनके अधिकार दिलाने का एक बड़ा प्रयास है। इससे उन मामलों में कमी आएगी, जहां महिलाओं के नाम जानबूझकर वंशावली से हटा दिए जाते थे।

भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का उद्देश्य संपत्ति के अधिकार में पारदर्शिता लाना और सभी वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं को न्याय प्रदान करना है। यह कदम बिहार में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहल को दर्शाता है।

भूमि विशेषज्ञों का मानना है कि यह गाइडलाइन जमीन विवादों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगी। इससे न केवल महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित होंगे, बल्कि पारिवारिक संपत्ति के विवादों में भी कमी आएगी।

वेशक यह गाइडलाइन महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत है। क्योंकि यह पारिवारिक संपत्ति में उनके हिस्से को कानूनी रूप से संरक्षित करती है। अब महिलाओं को अपनी संपत्ति के अधिकार के लिए संघर्ष करने की जरूरत नहीं होगी।

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