बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। आज गुरुवार को डायट नूरसराय आवासीय प्रशिक्षण केंद्र में बिहारशरीफ एसडीम अभिषेक कुमार द्वारा निरीक्षण किया गया और इस दौरान उपस्थित प्रचार्य, प्राध्यापक तथा प्रशिक्षुओं से प्रशिक्षण में आ रहे समस्याओं की जानकारी लेने के साथ प्रशिक्षण कक्षा में प्रशिक्षु शिक्षकों से प्रशिक्षण का फीडबैक ली।
वहीं, हिन्दी दिवस के अवसर पर प्रशिक्षुओं से स्लोगन, कविता लेखन तथा पोस्टर प्रतियोगिता कराया गया।
इस मौके पर डायट प्रचार्या फरहत जहाँ ने 14 सितम्बर हिंदी दिवस पर विशेष परिचर्चा की और बताया कि भाषा किसी देश की सभ्यता संस्कृति और साहित्य की पहचान है। हिंदी भारत के बहुसंख्यक लोगों की मुख्य भाषा है।
व्याख्याता प्रिती बरनबास ने कहा भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति भी हिंदी से जुड़ी हुई है। हिंदी राष्ट्रीय एकता का सर्वश्रेष्ठ माध्यम भी है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों स्तर के भाषा का औपचारिक प्रयोग भी होता है।
व्यख्याता शशिभूषण आनंद ने कहा कि दुनिया में हिंदी भाषा ही हिंदुस्तान की एक अलग पहचान दिलाती है। भारत ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर के लोगों में हिंदी के प्रति एक नई रुचि भी जागृत हुई है।
व्याख्याता निर्मला ने प्रतिभागियों को बताया कि 14 सितंबर को ही देश के संविधान में देवनागरी लिपि यानी हिंदी को तरजीह देते हुए आधिकारिक राज्य भाषा का दर्जा देकर उत्थान किया गया, जो हिंदी का एक सम्मानजनक स्थान दिलाने के साथ यह क्रांतिकारी कदम है।
इस मौके पर सरफराज आलम सहित सभी व्यख्याता व प्रशिक्षु उपस्थित थे।
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