बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ शहरवासियों के लिए एक बड़ी राहत और विकास की सौगात अब जल्द ही साकार होने जा रही है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बन रहा भरावपर फ्लाइओवर जून महीने के अंत तक पूरी तरह बनकर तैयार हो सकता है। इस बहुप्रतीक्षित फ्लाइओवर के निर्माण कार्य का लगभग 80 फीसदी हिस्सा पूरा हो चुका है। प्रशासन ने अब स्लैब कॉस्टिंग तकनीक के जरिये बचे हुए कार्यों में तेजी ला दी है। जिससे समय सीमा के भीतर इसका उद्घाटन संभव नजर आ रहा है।
करीब 75 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह फ्लाइओवर बिहारशरीफ के एलआईसी भवन (रांची रोड) से शुरू होकर सोगरा कॉलेज की बाउंड्री तक फैला है। इसकी कुल लंबाई 1.5 किलोमीटर और चौड़ाई 8.9 मीटर है। शहर के सबसे व्यस्तम चौराहों में से एक भरावपर चौराहा से लेकर लहेरी थाना मोड़ तक के रास्ते में कई संकीर्ण जगहें हैं, जहां निर्माण में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि अब प्रशासनिक स्तर पर इन बाधाओं को लगभग दूर कर लिया गया है।
फ्लाइओवर की संरचना में कुल 57 डेस्क बनाए जा रहे हैं। जिनमें से 36 डेस्क पूरी तरह बन चुके हैं और बाकी 21 पर कार्य जारी है। इसके अलावा फ्लाइओवर पर कुल 171 गार्डर लांच किए जाने हैं। जिसमें से 27 गार्डर अभी लगाए जाने बाकी हैं। संकीर्ण इलाकों में गार्डर लांच करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। जिसे प्रशासन की सक्रियता से चरणबद्ध तरीके से हल किया जा रहा है।
गौरतलब है कि भरावपर फ्लाइओवर का निर्माण कार्य साल 2022 में शुरू किया गया था और इसे जुलाई 2024 तक पूरा किया जाना था। लेकिन निर्माण के दौरान स्थानीय विरोध, संकीर्ण मार्ग और तकनीकी बाधाओं के चलते समय-सीमा का पालन नहीं हो सका। इसके बाद केंद्र सरकार ने इसे मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया। लेकिन अब प्रशासन ने जून के अंत तक इसके पूर्ण होने की संभावना जताई है।
इस फ्लाइओवर के बन जाने से बिहारशरीफ के मुख्य मार्गों पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा। भरावपर, रांची रोड, लहेरी थाना मोड़ और सोगरा कॉलेज की ओर जाने वाले यातायात को नया रास्ता मिलेगा। जिससे जाम की समस्या में भारी कमी आएगी। साथ ही स्मार्ट सिटी की दिशा में यह फ्लाइओवर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।



