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बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी: 1.5 KM लंबी सड़क पर 44 गड्ढों में बहता है गंदा पानी

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Biharsharif Smart City Dirty water flows in 44 potholes on a 1.5 KM long road
Biharsharif Smart City Dirty water flows in 44 potholes on a 1.5 KM long road

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ नगर को स्मार्ट सिटी बनाने की सरकार की योजना का ख्वाब यहां के नागरिकों के लिए अधूरा सा महसूस हो रहा है। स्मार्ट सिटी के तमाम दावे और योजनाओं के बीच शहर की सड़कें बदहाल स्थिति में हैं।

यहां स्मार्ट सिटी के तहत शहर में जहां एक ओर मॉर्डन कंट्रोल रूम और सीसीटीवी की स्थापना की जा रही है।  वहीं दूसरी ओर सड़कें दयनीय हालात में हैं। जिससे यहां के नागरिकों को रोज़मर्रा की यात्रा में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नई सराय स्टेशन रोड शहर के एक प्रमुख मार्गों में से एक है। लेकिन वर्तमान में शहर की सबसे बदतर सड़कों में से एक बन चुकी है। डेढ़ किलोमीटर लंबी इस सड़क पर कुल 44 गड्ढे हैं, जो महीना भर से नाले का गंदा पानी अपने भीतर समेटे हुए हैं। इस स्थिति के कारण यहां से गुजरने वाले पैदल यात्री न केवल कीचड़ में फंसते हैं, बल्कि गंदे पानी के छींटे उनके कपड़ों और शरीर पर पड़ने के कारण उन्हें असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।

सोहसराय हॉल्ट के पास की मुख्य सड़क भी खतरनाक हो चुकी है। यहां पुल के पास डेढ़ फीट गहरा गड्ढा बना हुआ है। यह किसी भी समय एक बड़े हादसे का कारण बन सकता है। इसके आलावे मंसूर नगर, सोहसराय, रामचंद्रपुर और छज्जुबाग जैसे क्षेत्रों की सड़कें भी इस समय बहुत खराब हालत में हैं। बाइक सवारों को इन सड़कों पर यात्रा करते वक्त अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है और कई बार गड्ढों में गिरकर गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं।

शहरवासी इस समस्या को लेकर निराश हैं। सड़कें महीनों से खराब हैं। लेकिन संबंधित विभागों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। यहां तक कि वार्ड पार्षद भी इन समस्याओं को हल करने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यह स्थिति बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी की परिकल्पना और वास्तविकता के बीच एक बड़ा अंतर दिखाती है, जो सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

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