नालंदा दर्पण डेस्क। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा की घोषणा करते हुए कई बार कहा कि जदयू डूबती नैया है।
उन्होंने नाम लिये बगैर वे सीएम नीतीश कुमार पर जमकर बरसे और कहा कि सात जनम में भी वे पीएम नहीं बनेंगे।जबकि, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के विरुद्ध गरजते हुए कहा कि आज पार्टी नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। कार्यकर्ताओं के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं बची है।
जदयू से नाता तोड़ने के बाद अब किस पार्टी का दामन थामेंगे, के जवाब में कहा कि कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद नई राजनीतिक दिशा तय करूंगा। बीजेपी से नजदीकी के सवाल पर कहा कि वे (नीतीश कुमार) भी भाजपा की मेहरबानी से ही सीएम बने हुए हैं। बाजपेयी सरकार में मंत्री से लेकर सीएम बनने तक में बीजेपी की कृपा रही है।
अकूत संपत्ति अरजने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मैंने एक ईंच भी जमीन नहीं खरीदी है। मेरा चैलेंज है कि वैसे किसी व्यक्ति को खड़ा किया जाये, जो यह कह दे कि उसने हमें फूटी कौड़ी दी है। यूपी में नौकरी से लेकर सीएम के साथ व मंत्री बनने तक के सफर की कोई भी जांच करा ले। जहां तक जमीन का सवाल है, वह मेरी बेटियों की है। वे दोनों मेरी डिपेंडेंट नहीं हैं। इस कारण चुनावी शपथपत्र में उन संपत्तियों का हमने जिक्र नहीं किया है।
मेरे रिटायर शिक्षक पिता ने पुश्तैनी संपत्ति पोतियों के नाम कर दी थी। उन जमीनों का वे दोनों इनकम टैक्स रिटर्न भी भरती हैं। बिना नाम लिये ललन सिंह पर बरसते हुए कहा कि ईर्ष्या, डाह व जलन इस कदर बढ़ गयी कि हमसे खुन्नस निकालने के बदले मेरी बेटियों व पत्नी को भी लपेटे में लिया। यह किस तरह की छिछोरी राजनीति है। जिस वक्त जमीन खरीदी गयी थी, उसकी कीमत 900 रुपये कट्ठा थी।
पार्टी का इंवेस्टिगेशन विंग अगर आरोप लगा रहा है, तो सिद्ध भी करे। हमें भेजे गये पत्र में पूर्व मंत्री से संबोधित किया गया है। क्या पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लिखने में शर्म आ रही थी। सीएम पर बरसते हुए कहा कि हमें दिल्ली से गांव भेजवा दिया। अब किस हद तक हमें गिराने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं सवा साल से ‘जदयू राजनीति की मार झेल रहा हूं। मैंने जहां भी काम किया, पूरी गरिमा के साथ रहा हूं। मेरी ईमानदारी पर बट्टा लगाने वाले खुद की पराह करें। अब पार्टी में जालसाज व साजिशकर्ताओं की भरमार है। वे लोग (पार्टी के उनके विरोधी) काफी दिनों से खिचड़ी पका रहे थे और मैं उन्हें कांटे की तरह चूभ रहा था। मेरा मनोबल अब भी पहले की तरह है। क्योंकि, मैं चोर नहीं हूं।
उन्होंने कहा कि मैं किसी (नीतीश कुमार) की कृपा से यहां तक नहीं पहुंचा। हमने मेहनत की बदौलत ही सब कुछ पाया है। मैं रूढ़ अंक जैसा हूं। कभी टूटूंगा नहीं। सीएम महज 4-5 लोगों से घिरे रहते हैं। मैं उनका उत्तराधिकारी न कभी था और न ही कभी बनने की इच्छा रखता हूं।
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