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भूखमरी के कगार पर सक्षमता पास शिक्षक, मार्च से नहीं मिला वेतन

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। कतरीसराय प्रखंड के सक्षमता पास शिक्षकों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है। मार्च 2025 से इन शिक्षकों को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है, जिसके चलते उनके सामने परिवार के भरण-पोषण और दैनिक जरूरतों को पूरा करने की गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है।

कई शिक्षकों का कहना है कि आर्थिक तंगी के कारण वे अपने बुजुर्ग माता-पिता के लिए दवाइयां तक नहीं खरीद पा रहे हैं। इस स्थिति ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को कमजोर किया है, बल्कि विशिष्ट शिक्षक बनने की उनकी महत्वाकांक्षा पर भी गहरा आघात पहुंचाया है।

सक्षमता पास शिक्षकों का कहना है कि जब उन्होंने विशिष्ट शिक्षक का दर्जा हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की थी, तब उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वेतन के लिए इतनी लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मार्च के बाद से हमें एक भी पैसा नहीं मिला है। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। कुछ साथी तो अपने माता-पिता की दवाइयां तक नहीं खरीद पा रहे। यह स्थिति हमें मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ रही है।

शिक्षकों का गुस्सा सरकार की नीतियों के प्रति भी बढ़ रहा है। उनका मानना है कि सक्षमता परीक्षा और विशिष्ट शिक्षक का दर्जा देने की प्रक्रिया ने उन्हें लालच देकर मुश्किल में डाल दिया है। एक अन्य शिक्षक ने कहा कि हमने सोचा था कि यह दर्जा हमें सम्मान और स्थिरता देगा, लेकिन अब हम भुखमरी की कगार पर हैं।

सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले नियोजित शिक्षकों और शिक्षक नेताओं ने सरकार की नीतियों पर कड़ा विरोध जताया है। शिक्षक नेता सूर्यकांत सिंह कांत और रितेश कुमार ने कहा कि सरकार ने टीआर-1, टीआर-2, टीआर-3 और सक्षमता परीक्षा के नाम पर शिक्षकों की एकता को तोड़ने का काम किया है। यह शिक्षक विरोधी नीति का परिणाम है कि हमारे शिक्षक भाई-बहन आज आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सरकार की इन नीतियों के खिलाफ वे लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

इस मुद्दे पर कतरीसराय प्रखंड के बीईओ अब्दुल मन्नान ने बताया कि प्रखंड में सक्षमता-2 के कुल 34 शिक्षक हैं, जिनका वेतन मार्च 2025 से रुका हुआ है। उन्होंने कहा कि सक्षमता-1 और सक्षमता-2 के लिए अलग-अलग रिपोर्ट मांगी गई थी। मई 2025 तक सभी शिक्षकों का वेतन बिल जिला कार्यालय को भेजा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही वेतन का भुगतान हो जाएगा।

शिक्षकों ने सरकार और प्रशासन से तत्काल वेतन भुगतान की मांग की है। उनका कहना है कि बिना वेतन के जीवनयापन करना असंभव हो गया है। कई शिक्षकों ने यह भी बताया कि आर्थिक तंगी के कारण उनके बच्चों की पढ़ाई और परिवार की बुनियादी जरूरतें प्रभावित हो रही हैं।

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