“इस मुंशी पैन नदी की पानी से किसान खेतों की पटवन कर सुविधा अनुसार अपनी फसल को उगा लेते थे, किंतु पानी नहीं आने से जलस्तर नीचे चले जाने से समरसेबल तथा बोरींग भी नहीं चल रहा है…
कतरीसराय (संतोष भारती)। सावन बीता, भादो आ गया। लेकिन कतरीसराय प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सकरी नदी खुद प्यासा दिख रहा है। नदी में जलधारा बहाने के बजाय बालू युक्त हवा बह रहा है। आम जन व किसानों का धौर्य कम हो रहा है।
मुंशी पैन नदी कतरीसराय, शेखोपुरसराय, अस्थावां जैसे प्रखंडों के दर्जनों गाँव के किसानों के लिए वरदान है।
इस नदी में पानी नहीं आने से किसान मायूस हो गए हैं। आम जन भी पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि ढंग से बारिश नहीं होने के कारण यह नदियां सूखी हुई है। थोड़ी बहुत बारिश में पानी आ जाती थी।
बारिश नहीं होने से आज तक नदी में पानी नहीं आया। जिससे दर्जनों गांव का जलस्तर नीचे चला गया है।
इस मुंशी पैन नदी की पानी से किसान खेतों की पटवन कर सुविधा अनुसार अपनी फसल को उगा लेते थे, किंतु पानी नहीं आने से जलस्तर नीचे चले जाने से समरसेबल तथा बोरींग भी नहीं चल रहा है। पानी के कारण धान सहित कई फसल भी मर रहा है। पानी नहीं होने किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं।
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