हिलसा (नालंदा दर्पण)। बिहार के मुख्यमंत्री (CM) नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के हिलसा नगर में सब्जी मंडी विवाद ने तूल पकड़ लिया है। प्रशासन द्वारा मंडी को अनाधिकृत घोषित कर हटाने की चेतावनी के बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। नाराज किसानों ने सड़क पर सब्जियां फेंकते हुए प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन के कारण शहर के कई इलाकों में यातायात बाधित हो गया।
दरअसल हिलसा नगर की यह सब्जी मंडी वर्षों पुरानी है। यहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों जैसे- करायपरसुराय, योगीपुर, चिकसौरा, थरथरी, नगरनौसा और चंडी के किसान अपनी उपज लाकर व्यापारियों को बेचते हैं। यह मंडी स्थानीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन प्रशासन इसे अनधिकृत बताते हुए हटाने पर अड़ा है।
प्रशासन का कहना है कि सब्जी मंडी सड़क किनारे लगने के कारण रोज सुबह जाम की समस्या पैदा होती है। मंडी के पास रेलवे क्रॉसिंग भी है। जहां ट्रेन के गुजरने के समय लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे स्कूल जाने वाले बच्चों और आम जनता को खासी परेशानी होती है।
किसानों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें हटाकर उनकी आजीविका पर संकट खड़ा कर रहा है। उनका कहना है कि हमने यहां वर्षों से मेहनत करके यह मंडी बनाई है। प्रशासन का यह कदम हमारे पेट पर लात मारने जैसा है। किसानों का यह भी दावा है कि अगर प्रशासन को जाम की समस्या थी तो उसे पहले वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था करनी चाहिए थी।
विश्लेषकों का मानना है कि इस विवाद की जड़ प्रशासनिक लापरवाही है। सब्जी मंडी को व्यवस्थित करने और किसानों के लिए उपयुक्त स्थान तय करने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी। लेकिन वर्षों से इस पर ध्यान नहीं दिया गया। जगह बताया भी जा रहा है तो किसान उसे उपयुक्त नहीं मान रहे हैं। नतीजा यह हुआ है कि किसानों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने विरोध का रास्ता चुना।
प्रशासन और किसानों के बीच इस मुद्दे पर जल्द समाधान निकलना जरूरी है। यदि दोनों पक्ष आपसी बातचीत से किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे तो यह विवाद और बढ़ सकता है। साथ ही वैकल्पिक मंडी स्थल की व्यवस्था न होने तक किसानों के रोज़गार पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
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