बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण डेस्क)। नालंदा जिले के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं से संबंधित सभी जानकारियां ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों तथा सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है। सरकारी स्कूलों में एक अप्रैल से नामांकन की प्रक्रिया चल रही है।
विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों से संबंधित आंकड़ों को ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। ई-शिक्षाकोष पोर्टल का निर्माण बिहार शिक्षा परियोजना परिषद बिहार के द्वारा किया गया है। यह एक एंड्राइड ऐप है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं से संबंधित आंकड़े को ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करना अत्यंत आवश्यक है। ई-शिक्षा कोष के माध्यम से ही सरकार के द्वारा छात्र छात्राओं के सही-सही आंकड़े जुटाए जाते हैं।
इससे बच्चों के लिए स्कूलों में संचालित विभिन्न लाभुक योजनाओं को संचालित करने में सुविधा मिलती है। सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं के समुचित विकास के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है।
जिन स्कूलों में आईसीटी लैब है, वहां कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के द्वारा ही छात्र-छात्राओं से संबंधित डाटा ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिन स्कूलों में आईसीटी लैब नहीं है, उन स्कूलों के प्रधानाध्यापक आस-पड़ोस के स्कूलों के आईसीटी लैब से डाटा अपलोड करेंगे। किसी भी परिस्थिति में छात्र-छात्राओं से संबंधित डाटा साइबर कैफे से अपलोड नहीं किया जाएगा।
जल्द ही सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को छात्र-छात्राओं सहित विद्यालय से संबंधित अन्य डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया है। सरकारी स्कूलों की निगरानी भी ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से ही की जा रही है। इससे स्कूलों में मौजूद छात्र-शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों का प्रदर्शन, अंक, ग्रेड, प्रोजेक्ट, असाइनमेंट सबमिशन रिपोर्ट जैसे संपूर्ण छात्र डाटा को डिजिटल रूप में प्रबंधित किया जाता है।
स्कूलों के निरीक्षण में भी इस पोर्टल का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान में स्कूलों के निरीक्षण भी इसी पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे हैं। पोर्टल पर निरीक्षी अधिकारियों के द्वारा छात्र शिक्षकों की उपस्थिति नियमित रूप से दर्ज की जाती है। इसके साथ ही साथ यह सरकारी शिक्षकों को पेपर लेस बनाते हुए उनका व्यापक डाटा प्रबंधन, विश्लेषण और रिपोर्ट करने में मदद करता है।