बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण )। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने चुलायी हुई शराब बेचते गिरफ्तार किशोर को दोषमुक्त करते हुए बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को किशोर और उसके परिवार पर निगरानी रखने का आदेश दिया है।
किशोर को दो लीटर चुलायी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया था। 25 अगस्त 2021 को यह वाद किशोर न्याय परिषद में पहुंचा था। गिरफ्तारी के दिन किशोर की उम्र 16 वर्ष 6 माह थी।
किशोर ने जेजेबी से लिखित वादा किया है कि वह भविष्य में किसी भी प्रकार के आपराधिक गतिविधि से पूर्णत: दूर रहेगा। उसने समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए एक अवसर मांगा था। यह उसका पहला अपराध था।
सहायक अभियोजन पदाधिकारी ने भी कहा कि किशोर के विरूद्ध कोई अन्य आपराधिक मामला जेजेबी में लंबित नहीं है। सुधरने का एक अवसर दिया जा सकता है। किशोर के उचित देखरेख, संरक्षण, विकास, उपचार और उसकी मूलभुत आवश्यकताओं की पूर्ति को देखते हुए जज मिश्र ने उसके विरूद्ध आपराधिक जांच कार्यवाही बंद करते हुए दोषमुक्त कर दिया।
किशोर ने इसी वर्ष मैट्रिक की परीक्षा पास की है और इंटर में नामांकन कराया है। सुनवाई में जेजेबी की सदस्य उषा कुमारी ने भी सहयोग किया।
अगली बार मां पर भी होगी कड़ी कार्रवाई : जेजेबी द्वारा आरोपी किशोर के मां की भी काउंसलिंग की गयी। उसे चेतावनी देकर छोड़ा गया कि यदि आगे कभी उसका पुत्र शराब के साथ पकड़ा गया तो पुत्र के साथ-साथ उसके विरूद्ध भी कठोर कार्रवाई होगी।
महिला ने खुद का पहला अपराध बताते हुए कहा कि वह अनुसूचित जाति से है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। पैसे की लालच में वह शराब चुलाकर बेचने लगी थी। पढ़ने वाले लड़के को इस धंधे में उतारने के लिए पछतावा है। उसने वादा किया कि अब वह बच्चे की पढ़ाई पर ध्यान देगी। मजदूरी करेगी लेकिन शराब नहीं बेचेगी।
किशोर द्वारा जेजेबी में दिये गये बयान के मुताबिक उसकी मां शराब चुलाती है और उस पर दबाव बनाकर शराब बेचने के लिए प्रेरित करती है। मना करने पर कहती है कि हमारे पूर्वज ही ताड़ी, दारू बेचते आये हैं। इसमें कुछ गलत नहीं है। पढ़ लिखकर हाकिम बनोगे क्या। रुपया गिनने आ गया यही बहुत है। रोजगार में मदद करो।
उसने यह भी कहा कि उसकी मां अशिक्षित है। उसे अच्छे बुरे की समझ नहीं है। बस्ती के अन्य लोग भी ताड़ी बेचते हैं। इसी के आड़ में कुछ लोग चोरी-छिपे अवैध चुलायी शराब भी बेचते हैं।
मां को सरकारी विकास योजनाओं से जोड़ने का निर्देश: जज मिश्र ने आदेश की एक प्रति बीडीओ और समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को भी भेजने का आदेश दिया है।
उन्हें निर्देश दिया गया है कि बिहार सरकार द्वारा चलाये जा रहे नीरा प्रोसेसिंग प्लांट, जीविका समूह, महिलाओं द्वारा संचालित समूह के आचार, पापड़, मधुमक्खी पालन, मोमबत्ती, अगरबत्ती निर्माण, सिलाई कटाई जैसे कार्यक्रमों से किशोर की मां को जोड़े। ताकि किशोर को कभी भी मां के दबाव में शराब बेचने के लिए बाध्य नहीं होना पड़े।
नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ: जेजेबी ने किशोर की स्थिति को देखते हुए टिप्पणी किया है कि किशोर पासी जाति से है। बिहार में पासी जाति प्रारंभ से ही ताड़ के पेड़ से ताड़ी निकालकर बेचने के व्यवसाय से जुड़े रहे हैं। कमोबेश आज भी इस जाति के लोग इस व्यवसाय को अपनाये हैं।
बिहार सरकार ने ताड़ी की प्रोसेसिंग कर गुड़, जेली, नीरा बनाने की योजना शुरू की है। ताड़ के पत्तों से पंखा, चटाई व कई वस्तुएं बनायी जाती है। हर गांव में स्वयं सहायता समूह गठन करने की बात की गयी है।
लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि विधि विरूद्ध किशोर के परिवार व गांव तक यह योजना धरातल तक नहीं पहुंची। नहीं तो किशोर की आर्थिक स्थिति में सुधार दिखता।
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