अन्य
    Monday, October 14, 2024
    अन्य

      लोदीपुर नरसंहार: तीन साल बाद आया इंसाफ, 15 दोषी करार, 8 अक्टूबर को होगी सजा का ऐलान

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के लोदीपुर में तीन साल पहले हुए लोदीपुर नरसंहार मामले ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था। तीन साल के लंबे न्यायिक प्रक्रिया के बाद इस मामले में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है।

      बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तीन अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपितों को दोषी ठहराया है। दोषियों में एक महिला चिंता देवी का नाम भी शामिल है, जिसने घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सजा का ऐलान 8 अक्टूबर को किया जाएगा।

      क्या था लोदीपुर नरसंहार? यह घटना 4 अगस्त 2021 की है, जब छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में जमीन विवाद ने खतरनाक रूप ले लिया था। यह विवाद 2010 से चल रहा था और दोनों पक्षों के बीच कोर्ट में लंबित एक टाइटल सूट मुकदमा था।

      घटना के दिन आरोपी पक्ष ट्रैक्टर लेकर विवादित खेत की जुताई करने पहुंचे। जब सूचक और उनके परिजनों ने उन्हें कोर्ट का हवाला देकर जुताई रोकने की अपील की तो विवाद और बढ़ गया। गाली-गलौज और हाथापाई के बीच आरोपित पक्ष ने चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

      इस फायरिंग में धीरेंद्र यादव, यदु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव और सिबल यादव की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव और परशुराम यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। इस भयावह घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया था।

      न्याय की दिशा में पहला कदमः मामले की जांच शुरू हुई और अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक कैसर इमाम और सूचक के वकील कमलेश कुमार ने 25 गवाहों की गवाही कराई। आरोपितों ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए चार गवाह पेश किए, लेकिन कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर 15 आरोपितों को दोषी करार दिया।

      इन दोषियों में भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव, चिंता देवी, कृष्ण यादव, विनोद यादव, श्यामदेव यादव, अवधेश यादव और अशोक यादव शामिल हैं।

      क्यों हुआ था नरसंहार? लोदीपुर नरसंहार का मुख्य कारण जमीन का विवाद था, जो 2010 से दोनों पक्षों के बीच चला आ रहा था। इस विवादित जमीन को लेकर कोर्ट में टाइटल सूट चल रहा था, लेकिन आरोपितों ने उस पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की, जो कि इस नरसंहार का मुख्य कारण बना।

      आगे की राहः अब जबकि आरोपितों को दोषी ठहराया जा चुका है, सबकी नजरें 8 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब कोर्ट सजा का ऐलान करेगा। इस मामले में दोषियों को कड़ी सजा मिलने की उम्मीद है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

      समाज में संदेशः यह फैसला न केवल न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश है कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता। जमीन विवाद जैसे मसलों को सुलझाने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं का सहारा लेना जरूरी है, न कि हिंसा का।

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!
      विश्व को मित्रता का संदेश देता वैशाली का यह विश्व शांति स्तूप राजगीर सोन भंडारः जहां छुपा है दुनिया का सबसे बड़ा खजाना यानि सोना का पहाड़ राजगीर वेणुवन की झुरमुट में मुस्कुराते भगवान बुद्ध राजगीर बिंबिसार जेल, जहां से रखी गई मगध पाटलिपुत्र की नींव