राजगीर (नांलदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर अवस्थित साइक्लोपियन वाल (Neglect of Archaeological Survey of India) के अस्तित्व पर अब संकट खड़ा हो गया है। जहां एक ओर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसे दुनिया के आठ अजूबों में शामिल कराने को लेकर प्रयासों में जुटे हुए हैं और इससे जुड़े प्रस्ताव को यूनेस्को को भेजा गया हैं तो वहीं पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण साइक्लोपिन वाल अब ढहने लगी है।
ऐसी मान्यता है की साइक्लोपियन वाल की नींव महाभारत काल में राजा बृहद्रथ के द्वारा रखी गई थी। उस वक्त राजगीर को बृहद्रथपुरी के नाम से जाना जाता था। इसको राजा बृहद्रथ के पुत्र ने राज्य की सुरक्षा के लिए दीवार को पूर्ण करने का काम किया था। वर्तमान में यह पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है।
40 किलोमीटर के दायरे में फैली है यह दीवारः राजगीर के पंच पहाड़ियों को जोड़ने वाली साइक्लोपियन वाल 40 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है। नालंदा की सीमावर्ती जिला गया एवं नवादा के हैं। इस दीवार की चौड़ाई लगभग 22 वनगंगा के दोनों ओर उदयगिरि एवं सोनागिरी पर्वत पर साइक्लोपिन वाल राजगीर प्रवेश करने के दौरान नजर आती है। वहीं वैभारगिरी विपुलांचलगिरी एवं रत्नागिरी पर साइक्लोपियन वाल का निर्माण अब भी दिखाई पड़ते हैं। इस दीवार की चौड़ाई लगभग 22 फीट तो ऊंचाई करीब 4 मीटर है।
अतिक्रमणकारियों से बचाव के लिए बनाया गया था यह दीवारः इस दीवार का निर्माण राजगीर को बाहरी आक्रमणकारियों से बचाव के लिए बनाया गया था। करीब 40 किलोमीटर के दायरे में फैली यह दीवार में 32 विशाल तथा 64 छोटे प्रवेश द्वार बनाए गए थे। दीवार के हर 50 मीटर पर एक विशेष सुरक्षा चौकी तथा हर 5 गज पर सशस्त्र सैनिक तैनात रहा करते थे।
नहीं किया गया है चुना सिरकी व गारा का उपयोगः राजगीर स्थित साइक्लोपियन वाल के निर्माण में चूना सिकरा व गारा अथवा अन्य चीजों का उपयोग नहीं किया गया है। बल्कि पत्थरों को सजाकर दीवार खड़ी की गई है। ग्रीस का साइक्लोपस, जिसने माइसीन की दीवारों को बनाने के लिए बड़े-बड़े पत्थरों को एक दूसरे पर सजाया था।
यही कारण है कि ऐसी दीवारों को साइक्लोपियन वाल कहा जाता है। यह दुनिया की प्राचीनतम दीवारों में शुमार है। इसी का अनुकरण करके चीन ने चौथी पांचवी शताब्दी में महान दीवार का निर्माण कराया।
- Accident in Harnaut: हाइवा से टक्कर बाद ट्रक में लगी आग में चालक और खलासी समेत 3 लोग राख
- Filaria eradication program : 10 अगस्त से शुरु होगी फाइलेरिया सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
- Biharsharif Government Bus Stand: परिवहन विभाग को 20 साल से है बड़ा हादसा का इंतजार
- Bihar Sharif Government Bus Stand: पीपीपी मोड से विभाग की स्थिति सुधरी, लेकिन नहीं बदली स्टैंड की हालत
- Big action by Nalanda Civil Surgeon: 3 चिकित्सक समेत 5 स्वास्थ्यकर्मियों के वेतन पर रोक