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    Thursday, March 27, 2025
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      Niyojit Teacher Appointment Fraud: 20 साल बाद खुला शिक्षिका की अवैध नियुक्ति का राज

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। Niyojit Teacher Appointment Fraud: नालंदा जिले में शुरुआती दौर से ही नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। अब तक सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन कभी भी उन मामलों पर सही से जांच कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में निगरानी विभाग भी बौना साबित है, क्योंकि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है।

      ताजा मामला वर्ष 2005 में पंचायत शिक्षा मित्र की नियुक्ति से जुड़ा है। ग्राम पंचायत मुजफ्फरपुर नूरसराय अवस्थित मध्य विद्यालय परासी में शिक्षकों की दो रिक्तियां प्राप्त हुई थीं। इनमें से एक पद सामान्य जाति के अभ्यर्थी के लिए, जबकि दूसरा पद अतिपिछड़ी जाति के अभ्यर्थी के लिए निर्धारित थी।

      सामान्य कोटि के अभ्यर्थी के एक पद पर दो लोगों यानि रितेश कुमार एवं कांति कुमार को प्रखंड शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। वहीं दूसरे पद पर अतिपिछड़ा वर्ग का आवेदक नहीं रहने पर अंचला कुमारी का चयन पिछड़ा वर्ग (कुर्मी जाति) से कर लिया गया। अंचला कुमारी का चयन पंचायत शिक्षा मित्र में अतिपिछड़ा वर्ग की कोटि में किया जाना नियमानुसार गलत था।

      प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीइओ) नूरसराय के द्वारा नियोजन से संबंधित जांच के क्रम में पंचायत सचिव ग्राम पंचायत मुजफ्फरपुर के द्वारा उपलब्ध करायी गयी नियोजन पंजी से यह स्पष्ट होता है कि इस नियुक्ति में धांधली बरती गई है।

      अब बीइओ ने करीब 20 साल बाद शिक्षिका से दो दिनों के भीतर अपना स्पष्टीकरण साक्ष्य सहित शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि के साथ सदेह उपस्थित होकर कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। अन्यथा कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी को लिखे जाने की बात कही है।

      पदस्थापित प्रधानाध्यापक को संपूर्ण प्रभार देने का निर्देश: नूरसराय के बीइओ द्वारा पत्र जारी कर अवैध रुप से बहाल विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका अंचला कुमारी को 24 घंटे के भीतर विद्यालय का संपूर्ण प्रभार नवपदस्थापित प्रधानाध्यापक शैलेंद्र कुमार सिंह को देने का निर्देश दिया गया है।

      बीइओ ने कहा है कि अपने कार्यकाल के दौरान कराये गये सभी कार्यों का वाउचर के अनुसार क्रय किये गये सामान के साथ स्टॉक पंजी में संधारित करते हुए वर्तमान प्रधानाध्यापक को संपूर्ण प्रभार हस्तांतरित करें, अन्यथा की स्थिति में कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा जायेगा।

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