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    Wednesday, October 9, 2024
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      कृषि को उधोग का दर्जा का नहीं मिलना अन्नदाताओं का अपमान : सुशील रंजन

      कृषि दुनिया का सर्वाधिक मूल्यवान उधोग है, जिसमें जगत को जिन्दा रखने वाली वस्तु का उत्पादन होता है। साथ साथ कृषि देश में रोजगार देने वाला सबसे बड़ा उपक्रम है। मनीजी संस्थाएं प्रमुख रुप से इसी पर आधारित है। लेकिन दुख की बात है कि देश में चल रही व्यवस्था ने अब तक इसे उधोग के दर्जा के अधिकार से बंचित रखा है

      चंडी (नालंदा दर्पण)। उक्त बातें प्राउटिष्ट सर्व समाज के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशील रंजन ने आज चण्डी में चल रहे प्रगतिशील मगही समाज के अधिवेशन  को संबोधित करते हुए कहा।

      Not getting industry status to agriculture is an insult to the feeder Sushil Ranjan 1श्री रंजन ने कहा कि आज नौकरी के लिए नहीं बल्कि शत प्रतिशत रोजगार हेतु ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्स्थापित कराने के लिए सबको आर्थिक सांस्कृतिक मुद्दे पर गोलबंद होकर व्यवस्था पर दबाव बनाने की जरूरत है।

      पीएसएस के प्रदेश अध्यक्ष ध्रुवनारायण प्रसाद ने कहा कि सिर्फ कृषि उत्पाद, कृषि सहायक और कृषि आधारित उद्योग से  देश की अस्सी फीसदी वेरोजगारी दूर किया जा सकता है , लेकिन पूंजीवादी परस्त सोच पर आधारित सत्ता से ऐसा होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। अब आम जन को ही सड़क पर उतरना होगा।

      प्रगतिशील मगही समाज के महासचिव रविन्द्र कुमार ने कहा कि पूंजीवादी मंसूबे को चोट देने के लिए अब समय आ गया है कि देश के सारे उपक्रम सहभागिता के आधार पर संचालित करने का सरकार कानून बनावे।

      इस कार्यक्रम को केन्द्रीय कार्यकारिणी के देवकी प्रसाद ,प्रमोद मेहता, विजय कुमार, दिलीप वर्मा, दिलीप ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्षा के पति प्रेम कुमार, ज्योति रंजन आदि ने भी सम्बोधित किया।

      इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वृजनंदन प्रसाद तथा कार्यक्रम का पूरा संचालन नालंदा जिला सचिव चक्रवर्ती उमेश कुमार ने किया। अधिवेशन में मगध के सभी अठारह जिला के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

      इस अधिवेशन को सफल बनाने में अम्ब्रेश भारती, कमलेश जी, देवेन्द्र प्रसाद, परमानन्द जी, गुड़िया, सन्तोष कुमार आदि ने सराहनीय कार्य किया।

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