नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से नियुक्त शिक्षक भर्ती परीक्षा टीआरई-वन और टीआरई-टू नियुक्त राज्य के सभी बाहरी शिक्षकों को अपना सीटीइटी प्रमाण पत्र फिर से जिला शिक्षा कार्यालय में जमा करना है। शिक्षा विभाग को आशंका है कि उक्त दोनों नियुक्तियों के दौरान बाहरी शिक्षकों के द्वारा भारी पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है।
जारी विभागीय पत्र के अनुसार बिहार के सभी जिले के स्कूलों में पदस्थापित वैसे विद्यालय अध्यापक, जो बाहरी राज्यों के निवासी हैं तथा अलग-अलग जिलों में चयनित व पदस्थापित हैं, उनकेके प्रमाण पत्रों की समीक्षा होगी।
बकौल बिहार शिक्षा विभाग, विद्यालय अध्यापक जो टीआरई-वन और टीआरई-टू एवं पूरक परिणामों के आधार पर पदस्थापित हैं तथा वे बिहार राज्य के मूल निवासी नहीं हैं, उनके सभी शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों, विद्यालय पदस्थापना पत्र, योगदान पत्र, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र सहित सभी प्रमाण पत्रों की स्वअभिप्रमाणित स्पष्ट छायाप्रति को अपने स्तर से सत्यापित करते हुए जिला शिक्षा कार्यालय में तीन दिनो के अंदर सभी प्राचार्य को उपलब्ध कराना जरूरी है।
इसके आलावे उन्हें विद्यालय, जहां उनका अभी पदास्थापन है, वहां के प्रधानाध्यापक को भी यह घोषणा पत्र भी जमा करना होगा कि उनके द्वारा समर्पित शिक्षकों की सूची के अलावा कोई भी शिक्षक बिहार के बाहरी राज्यों से पदस्थापित नहीं है।
बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मतदान प्रतिशत में आई कमी का मूल कारण
हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में वोट वहिष्कार, वजह जान हैरान रह जाएंगे आप
छात्रों की 50% से कम उपस्थिति पर हेडमास्टर का कटेगा वेतन
नालंदा पुरातत्व संग्रहालय: जहां देखें जाते हैं दुनिया के सबसे अधिक पुरावशेष