बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में सुविधाविहीन सरकारी स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। जिला शिक्षा विभाग ने 25 ऐसे स्कूलों को चिन्हित किया है। इन्हें अब नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है। यह फैसला उन स्कूलों के लिए लिया गया है, जहां बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी थी।
कहा जाता है कि पहले इस फैसले को लागू करने में कानूनी अड़चनें थीं। क्योंकि कुछ विद्यालयों को मर्ज करने के विरोध में न्यायालय में याचिकाएं दायर की गई थीं। प्राथमिक विद्यालय बियावानी खरजम्मा को उत्क्रमित मध्य विद्यालय बियावानी में मर्ज करने के निर्देश पर पूर्व सचिव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। जिससे अब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया।
क्या होगा मर्ज किए गए विद्यालयों का भविष्य? अब इन स्कूलों की शिक्षा समितियां भंग कर दी गई हैं। बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली के तहत यह कार्रवाई की गई है। जिन स्कूलों में इन विद्यालयों को मर्ज किया गया है। उनकी शिक्षा समिति को पूरे विद्यालय के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
किन स्कूलों को किया गया है मर्ज? यह वे स्कूल हैं, जो या तो भूमिहीन थे, भवनविहीन थे या फिर आवश्यक संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित नहीं कर पा रहे थे। ये विद्यालय उन्हीं स्कूलों के साथ मर्ज किए गए हैं जो बसावट के एक किलोमीटर के दायरे में आते हैं।
नालंदा जिले में फिलहाल जिन 25 स्कूलों को मर्ज किया गया है, उनमें प्राथमिक विद्यालय बियावानी खरजम्मा → उत्क्रमित मध्य विद्यालय बियावानी, प्राथमिक विद्यालय चौखंडीपर → प्राथमिक विद्यालय हाजीपुर, कन्या प्राथमिक विद्यालय चौखंडीपर → कन्या प्राथमिक विद्यालय खंदकपर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय शेरपुर → उर्दू प्राथमिक विद्यालय थवई मुहल्ला, उर्दू प्राथमिक विद्यालय इमादपुर पूरब टोला → उर्दू कन्या प्राथमिक विद्यालय इमादपुर, उर्दू कन्या प्राथमिक विद्यालय गौरागढ़ → उर्दू प्राथमिक विद्यालय बरादरी, नव प्राथमिक विद्यालय राम बगीचा → प्राथमिक विद्यालय कोरई, नव प्राथमिक विद्यालय पश्चिमी पावा → मध्य विद्यालय पावा, नव प्राथमिक विद्यालय शहजादपुर → प्राथमिक विद्यालय कल्याणपुर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय कटहलटोला → उर्दू प्राथमिक विद्यालय बिचली अड़ान, उर्दू कन्या प्राथमिक विद्यालय खानकाह → उर्दू प्राथमिक विद्यालय पक्की तालाब, उर्दू प्राथमिक विद्यालय बसार बगहा → उर्दू प्राथमिक विद्यालय मोगलकुआं, उर्दू प्राथमिक विद्यालय कोनासराय → उर्दू प्राथमिक विद्यालय गगनदीवान, प्राथमिक विद्यालय नीमगंज → कन्या मध्य विद्यालय महलपर, नव प्राथमिक विद्यालय कुल बगा → प्राथमिक विद्यालय कवल बिगहा, चंडी प्राथमिक विद्यालय इमामगंज → मध्य विद्यालय गंगौरा, प्राथमिक विद्यालय कचलपुर → प्राथमिक विद्यालय हबीबुल्लाचक, प्राथमिक विद्यालय गदनपुरा खरजम्मा → उत्क्रमित मध्य विद्यालय गजनपुरा, इसलामपुर प्राथमिक विद्यालय इसलामपुर बाजार → शिशु कन्या केंद्र, नूरसराय प्राथमिक विद्यालय बालचंद बिगहा → मध्य विद्यालय बड़ारा, रहुई नव प्राथमिक विद्यालय गराई बिगहा → प्राथमिक विद्यालय देव बिगहा, बिंद नव प्राथमिक विद्यालय मठपर → मध्य विद्यालय उतरथु, एकंगरसराय प्राथमिक विद्यालय रुचनपुरा → प्राथमिक विद्यालय मानपुर, सरमेरा नव प्राथमिक विद्यालय मलावां बिगहा → मध्य विद्यालय मलावां, चंडी नव प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर → प्राथमिक विद्यालय कन्हैयागंज शामिल हैं।
शिफ्टिंग प्रक्रिया की निगरानी और जवाबदेहीः सभी ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर्स (BEO) को निर्देश दिया गया है कि वे इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू करें। स्कूल शिफ्ट करने के बाद उन्हें कारण सहित पूरी रिपोर्ट विभाग को सौंपनी होगी। साथ ही संकुल समन्वयक से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य किया गया है कि उनके क्षेत्र में कोई भी विद्यालय अब खुले आसमान के नीचे, पेड़ के नीचे, मंदिर, मस्जिद या सामुदायिक भवन में संचालित नहीं किया जा रहा है।
कहा जा रहा है कि नालंदा शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे अनुकूल वातावरण में अध्ययन कर सकें। इससे स्कूलों में संसाधनों का सही ढंग से उपयोग होगा और बेहतर बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी।
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