समस्याअपराधनालंदाबिग ब्रेकिंगबिहार शरीफ

NTPC DGM मर्डर केस: पुलिस हिरासत में 11 संदिग्ध, कोल ट्रांसपोर्टेशन ठप, दहशत

NTPC DGM murder case 11 suspects in police custody, coal transportation halted panic
NTPC DGM murder case 11 suspects in police custody, coal transportation halted panic

बिहारशरीफ / हजारीबाग (नालंदा दर्पण)। हजारीबाग के एनटीपीसी (NTPC) केरेडारी केडी कोल प्रोजेक्ट के डिस्पैच एंड बिलिंग इंचार्ज डीजीएम कुमार गौरव की हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) जुटी हुई है।

इस मामले में अब तक 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनमें वाहन चालक, एक केमिस्ट और ठेकेदार शामिल हैं। हत्या के बाद से ही पूरे कोल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम पर असर पड़ा है। इससे कोयला डिस्पैच और खनन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

हालांकि हत्या के दिन से ही एसआईटी विभिन्न इलाकों में छापेमारी कर रही है। जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ ठिकानों पर भी दबिश दी गई। पुलिस ने हजारीबाग जेल में बंद कुछ कुख्यात गैंगस्टरों और पेशेवर शूटरों से पूछताछ की है। ताकि हत्या के पीछे किसी गिरोह की भूमिका का पता लगाया जा सके।

अब तक की जांच में पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि कहीं इस हत्या के पीछे कोई पुरानी रंजिश या एनटीपीसी के आंतरिक विवाद तो नहीं है। हिरासत में लिए गए 11 संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जा रही है। उनमें केमिस्ट संवेदक मोहम्मद जावेद और एक वाहन चालक भी शामिल हैं।

बोकारो जोन के आईजी एस माइकल राज ने इस केस पर विशेष नजर रखते हुए हजारीबाग डीआईजी संजीव कुमार और एसपी अरविंद कुमार सिंह को निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर मामले का खुलासा किया जाए। इस दिशा में जांच की गति को और तेज कर दिया गया है। हालांकि अभी तक कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। जिससे पुलिस किसी निष्कर्ष पर पहुंच सके।

डीजीएम गौरव की हत्या के बाद कोल ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ठप हो गया है। केरेडारी, चट्टी बरियातू, पकरी बरवाडीह सहित कई क्षेत्रों में कोयला डिस्पैच बंद है। हजारीबाग से रोजाना 80,000 टन कोयले का उत्पादन होता है और 15 रैक कोयला ट्रांसपोर्ट किया जाता है। लेकिन घटना के बाद से यह प्रक्रिया पूरी तरह रुक गई है। एनटीपीसी के कई अधिकारी और कर्मचारी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और फील्ड में जाने से कतरा रहे हैं।

इस हत्याकांड को रांची में हुए कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर हुए हमले से भी जोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि एनटीपीसी डीजीएम की हत्या से ठीक एक दिन पहले विपिन मिश्रा पर बाइक सवार अपराधियों ने बरियातू रोड में गोलीबारी की थी। दोनों हमलों का तरीका काफी हद तक समान है।

विपिन मिश्रा पर हुए हमले की जिम्मेदारी कुख्यात अपराधी अमन साव गिरोह ने ली थी। लेकिन डीजीएम गौरव की हत्या के मामले में अब तक किसी गिरोह ने जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस दोनों मामलों को जोड़कर भी जांच कर रही है कि कहीं इन घटनाओं के पीछे संगठित अपराधियों का हाथ तो नहीं है। आगामी दिनों में जांच क्या मोड़ लेगी, यह देखना अहम होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!
The unsolved mysteries of the ancient Nalanda University राजगीर पांडु पोखर एक ऐतिहासिक पर्यटन धरोहर Rajgir Sone Bhandar is the world’s biggest treasure Artificial Intelligence is the changing face of the future