नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। एक लंबे अरसे से अनेक प्रतियोगिता परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक मामले में शामिल कुख्यात सरगना (Paper Leak Mafia) सजीव सिंह उर्फ संजीव मुखिया उर्फ लूटन मुखिया को दबोचने के लिए बिहार अपराध ईकाई (ईओयू) की टीम आज नगरनौसा प्रखंड अंतर्गत भूतहाखार पंचायत के बलवापर गांव पहुंची। लेकिन छापामारी की भनक मिलते ही ईओयू टीम की गांव में दस्तक देने के पहले ही संजीव मुखिया फरार होने में सफल रहा।
सूत्रों के अनुसार ईओयू को गोपनीय तंत्र के जरिए पक्की सूचना मिली थी कि पेपर लीक माफिया संजीव मुखिया पारिवारिक कार्य से चोरी छुपे अपने पैत्रिक गांव बलवापर आया हुआ है। उसी सूचना के आधार पर ईओयू की टीम ने बलवापर गांव पहुंचकर छापामारी की। लेकिन कहते हैं कि ईओयू टीम की दस्तक से चंद मिनट पहले भनक लगते ही वह ग्रामीण रास्ते से अपने तीन सहयोगियों के साथ भागने में सफल रहा।
बताया जाता है कि पहले स्थानीय जदयू विधायक हरिणारायन सिंह और अब लोजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान के करीबी रहे संजीव मुखिया ने सपरिवार पेपर लीक के कई कांड को अंजाम देकर अकूत संपति अर्जित की है। उसका पुत्र कथित डॉक्टर शिव कुमार पेपर लीक कांड में ही पहले भी जेल जा चुका है और फिलहाल बेऊर जेल में बंद है।
संजीव मुखिया की पत्नी भूतहाखार पंचायत की मुखिया रहते हुए चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट पर हरनौत विधानसभा से जदयू विधायक हरिणारायण सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी है। हालांकि संजीव मुखिया विधायक के करीबी और उसकी पत्नी ममता देवी जदयू की नेत्री थी।
वह जदयू से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर लोजपा की ओर चुनाव मैदान में कूद पड़ी। ममता को विश्वास था कि जदयू सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से टिकट जरुर मिलेगी। लेकिन इस प्रयास में उसे असफलता हाथ लगी। इस दौरान उसने पानी की तरह करोड़ों रुपए बहाए।
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