राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने पटना से रिमोट के माध्यम से राजगीर अनुमंडलीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला राजगीर ई-किसान भवन में स्थापित की गई है। जिसका किसान बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
इस प्रयोगशाला के शुरू होने से अब राजगीर अनुमंडल के किसानों को मिट्टी की जांच के लिए बिहारशरीफ स्थित जिला कृषि कार्यालय जाने की बाध्यता समाप्त हो गई है। इससे गिरियक, बेन, कतरीसराय, बेन और राजगीर प्रखंड के किसान सीधे अपने क्षेत्र में ही मिट्टी परीक्षण करवा सकेंगे। जिससे उन्हें समय और संसाधनों की बचत होगी।
इस मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना 75 लाख रुपये की लागत से की गई है। यहां किसान अपनी मिट्टी का परीक्षण कर उसकी गुणवत्ता, पोषक तत्वों की मात्रा और आवश्यक उर्वरकों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद मिलेगी और अनावश्यक उर्वरकों के प्रयोग से बचाव होगा। जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा।
फिलहाल इस प्रयोगशाला में दो कर्मियों द्वारा कार्य किया जा रहा है। जल्द ही अन्य आठ पदों पर कर्मियों की बहाली के बाद इसे पूरी तरह कार्यशील कर दिया जाएगा। जिससे इसकी कार्यक्षमता और बढ़ेगी।
इस अवसर पर कई कृषि अधिकारी भी उपस्थित रहे। जिनमें जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार, पौधा संरक्षण सहायक निदेशक संतोष कुमार, भूमि संरक्षण सहायक निदेशक अजीत प्रकाश, उद्यान सहायक निदेशक राकेश कुमार, राजगीर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार, बिहारशरीफ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी विजेश कुमार, हिलसा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार और राजगीर प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुखदेव मेहता शामिल थे।
बहरहाल इस नई सुविधा से राजगीर एवं आसपास के किसानों में हर्ष का माहौल है। किसानों का कहना है कि अब उन्हें मिट्टी की जांच के लिए उन्हें दूर जिला मुख्यालय बिहारशरीफ नहीं जाना पड़ेगा। इससे उनकी समय और धन दोनों की बचत होगी और वे अपनी खेती को अधिक वैज्ञानिक तरीके से कर सकेंगे।
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