नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के नालंदा जिला अवस्थित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी राजगीर में अवस्थित प्राचीन माता जरा देवी मंदिर में नवरात्र के दौरान विशेष पूजा अर्चना होती है। यहाँ नौ दिनों तक श्रद्धालुओं की लंबी भीड़ लगती है। उनकी पूजा शक्ति की देवी के रूप में की जाती है।
वायु पुराण के अनुसार सम्राट जरासंध का जन्म दो टुकड़ों में हुआ था। मृत समझकर टुकड़ों को जंगल में रख दिया गया था।
तब देवी पार्वती, वन देवी जरा का रूप धर कर राजगीर के जंगल में आई और टुकड़ों में बंटे शरीर को जोड़ दिया। बालक जीवित हो गया और उसका नाम जरासंध पड़ा। लोग जरा देवी को उनकी माता मानने लगे।
राजा बृहद्रथ ने माता जरादेवी मंदिर की स्थापना करायी थी। तब से राजगीर वासी मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों, महाभारत आदि में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है।
इस मंदिर में सभी समाज के लोग आते हैं और माता की आराधना करते हैं। मंगलवार के दिन मंदिर में नारियल फोड़कर मन्नत मांगने का रिवाज है।
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