
नगरनौसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र के दुधैला गांव में एक बार फिर अपराध की क्रूर तस्वीर सामने आई है। बडीहा गांव निवासी अशोक यादव के 32 वर्षीय पुत्र रवि कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल स्थानीय समुदाय में हड़कंप मचा रही है, बल्कि एक दशक पुरानी उस घटना को भी याद दिला रही है, जब इसी गांव में नगरनौसा के तत्कालीन थानाध्यक्ष अवधेश कुमार की हत्या कर दी गई थी।
जानकारी के अनुसार रवि कुमार आज नगरनौसा थाना में आयोजित जनता दरबार में एक जमीनी विवाद के सिलसिले में शामिल होने गए थे। जनता दरबार समाप्त होने के बाद वह अपने गांव बडीहा लौट रहे थे। इसी दौरान दुधैला गांव के पास पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। गोलियां रवि के दोनों पैर, सीने और गले के पास लगीं, जिसके कारण उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
घटना की सूचना मिलते ही नगरनौसा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
यह घटना स्थानीय लोगों के लिए उस दर्दनाक घटना को फिर से जीवंत कर रही है, जो 18 सितंबर 2015 को इसी दुधैला गांव में घटी थी। उस समय नगरनौसा के तत्कालीन थानाध्यक्ष अवधेश कुमार को एक वारदात की सूचना पर बडीहा गांव पहुंचने के दौरान अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
उस मामले में भी जमीन विवाद को मुख्य कारण माना गया था। उस घटना में राम उचित यादव और कपिल यादव के बीच गोलीबारी हुई थी, जिसमें राम उचित यादव घायल हो गए थे।
जांच में सामने आया है कि रवि कुमार उसी 2015 की घटना में आरोपित था। उस मामले में उसे 12 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसे उसने जेल में काटा। वह इसी वर्ष जनवरी में जेल से रिहा होकर बाहर आया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार रवि की हत्या का कारण भी पुरानी रंजिश और जमीन विवाद से जुड़ा हो सकता है।
नगरनौसा थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और जमीन विवाद की संभावना प्रबल है। पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है ताकि तनाव को नियंत्रित किया जा सके। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में संदिग्धों की धरपकड़ के लिए छापेमारी की जा रही है।









