सरमेरानालंदाबिग ब्रेकिंगबिहार शरीफ

गोपालाबाद जमींदारी बांध का पुनर्स्थापन कार्य जारी

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण) नालंदा जिले के सरमेरा प्रखंड में स्थित गोपालाबाद जमींदारी बांध, जो धनायन नदी के दाएं किनारे पर अवस्थित है, उसके पुनर्स्थापन कार्य ने क्षेत्रवासियों के लिए नई आशा की किरण जगा दी है।

जल संसाधन विभाग ने संभावित बाढ़ के खतरों को ध्यान में रखते हुए इस महत्वपूर्ण बांध के पुनर्स्थापन के लिए ₹2.41 करोड़ की लागत से कार्य को स्वीकृति प्रदान की है।

करीब 3.40 किलोमीटर लंबे इस बांध के पुनर्स्थापन से न केवल बांध की मजबूती और ऊंचाई को पुनर्जनन किया जाएगा, बल्कि सरमेरा प्रखंड के दर्जनों गांवों और हजारों एकड़ कृषि भूमि को बाढ़ के प्रकोप से बचाने में भी मदद मिलेगी।

पिछले कुछ वर्षों में अप्रत्याशित बाढ़ और धनायन नदी के जलप्रवाह के कारण गोपालाबाद जमींदारी बांध के कई हिस्सों में गंभीर क्षति हुई थी। बांध के कमजोर हिस्सों ने क्षेत्र में बाढ़ के खतरे को और बढ़ा दिया था। जिसके कारण स्थानीय किसानों और निवासियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा।

तात्कालिक मरम्मत कार्यों के बावजूद, एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इस पुनर्स्थापन परियोजना के तहत न केवल बांध की संरचना को मजबूत किया जाएगा, बल्कि कटाव रोधी उपायों को भी लागू किया जाएगा, ताकि भविष्य में नदी के दबाव को कम किया जा सके।

जल संसाधन विभाग के अनुसार इस परियोजना में बांध की पूरी लंबाई में मरम्मत और सुदृढ़ीकरण कार्य शामिल हैं। बांध की ऊंचाई को मानक स्तर तक लाया जाएगा, जिससे बाढ़ के दौरान जलस्तर को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, कटाव रोधी कार्यों के माध्यम से नदी के किनारों को मजबूत किया जाएगा। इससे बांध की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित होगी। इस परियोजना से सरमेरा प्रखंड के कई गांव जैसे- गोपालाबाद, चेरू, और आसपास के क्षेत्र, बाढ़ के खतरे से सुरक्षित होंगे। साथ ही हजारों एकड़ कृषि भूमि, जो इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का आधार है, उसे भी संरक्षण मिलेगा।

जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। कार्य की प्रगति की निगरानी के लिए एक समर्पित टीम गठित की गई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सभी कार्य गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button
error: Content is protected !!
The unsolved mysteries of the ancient Nalanda University राजगीर पांडु पोखर एक ऐतिहासिक पर्यटन धरोहर Rajgir Sone Bhandar is the world’s biggest treasure Artificial Intelligence is the changing face of the future

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker