पीएम श्री विद्यालय बने 25 हाई स्कूल में लटकी पढ़ाई और MDM योजना!
जहां एक ओर ‘पीएम श्री विद्यालय’ योजना के तहत शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक और समावेशी बनाने का दावा किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत में इसकी शुरुआत ही अव्यवस्था और असमंजस के साए में हो रही है। यदि समय रहते जरूरी प्रक्रियाएं पूरी नहीं हुईं तो ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी, बल्कि मिड-डे मील जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं भी विफल हो सकती हैं...

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव हुआ है। जिले के 25 हाई स्कूल और 5 मध्य विद्यालय को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत मान्यता मिल गई है। इसके साथ ही इन हाई स्कूलों के समीपवर्ती मध्य विद्यालयों को मर्ज कर दिया गया है।
यानी अब कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई एक ही परिसर में होगी और प्रशासनिक रूप से भी यह एक ही इकाई के रूप में संचालित होगा। यह बदलाव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, लेकिन इस मर्जिंग प्रक्रिया के बाद ज़मीन पर शिक्षा व्यवस्था और मिड-डे मील योजना की हालत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।
मर्ज की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन मर्ज किए गए मध्य विद्यालयों के कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों का नामांकन अभी तक उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नहीं हो पाया है। इससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। गर्मी की छुट्टियों के बाद जब स्कूल खुलेंगे, तब छात्रों के समक्ष शैक्षणिक असमंजस की स्थिति बनी रहेगी।
इन विद्यालयों में मर्ज के बाद मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन योजना) भी ठप पड़ी हुई है। नए ढांचे के अनुसार अब कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को उच्च विद्यालय परिसर में पढ़ना है और वहीं उन्हें भोजन भी मिलना है। लेकिन अभी तक इन विद्यालयों के नए बैंक खाते नहीं खुल सके हैं, जिससे भोजन योजना शुरू नहीं हो सकी है।
एमडीएम डीपीएम जितेंद्र कुमार ने जानकारी दी कि नए खाते खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 25 में से 21 विद्यालयों ने आवश्यक कागजात विभाग को सौंप दिए हैं, जिन्हें बैंक भेजा जा चुका है। लेकिन रहुई और नूरसराय प्रखंड के दो-दो विद्यालयों ने अभी तक कागजात नहीं जमा किए हैं, जिसके चलते पूरी प्रक्रिया अटकी हुई है। सभी विद्यालयों के खाते एक साथ खुलने हैं, जिससे बाकी स्कूलों की भी प्रक्रिया लटकी हुई है।
जिन विद्यालयों ने अब तक कागजात जमा नहीं किए हैं, उनमें बीरचंद्र पटेल हाई स्कूल पेशौर (रहुई), हाई स्कूल सुपासंग (रहुई), हाई स्कूल दहपर सरगांव (नूरसराय), आदर्श गांधी हाई स्कूल चंडासी, एमएस तेलमर (हरनौत), एमएस तुंगी (बिहारशरीफ), एमएस इसलामपुर, एमएस बंगपर (परवलपुर), एमएस बढ़ौना (चंडी) शामिल हैं।
डीईओ राज कुमार ने बताया कि कक्षा 6 से 8 के लिए पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। यदि कहीं शिक्षकों की कमी होती है तो कक्षा 9 से 12 के शिक्षक भी इन कक्षाओं को पढ़ाएंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मिड-डे मील योजना को भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश संबंधित विभागों को दे दिए गए हैं।
पीएम श्री विद्यालय योजना के तहत देशभर में 14500 स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है, जहां छात्रों को तकनीकी, नवाचार और समग्र शिक्षा के साथ-साथ पर्यावरणीय जागरूकता भी सिखाई जाएगी। इस योजना के तहत चुने गए विद्यालयों को अतिरिक्त संसाधन और आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।









