झारखंड की मूसलाधार बारिश से उफनाई लोकाइन नदी का हिलसा में फिर कहर शुरु

हिलसा (नालंदा दर्पण)। झारखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नालंदा जिले के हिलसा प्रखंड में लोकाइन नदी को उफान पर ला दिया है। धुरी बिगहा गांव के समीप नदी के पश्चिमी तटबंध में करीब 50 फीट का कटाव होने से क्षेत्र में भारी तबाही मची है।
इस कटाव के कारण धुरी बिगहा, छियासठ बिगहा, फुलवरिया, लक्कड़ बीघा, कुसेता, मुरलीगढ़, सोहरापुर, आंकोपुर और डोमन बिगहा जैसे गांवों में रातों-रात पानी घुस गया, जिससे दर्जनों घर जलमग्न हो गए। खेतों में 5 फीट तक पानी भर गया है और सड़कों पर 2 फीट पानी बह रहा है, जिससे सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है।
लोकाइन नदी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंधों में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर पानी के रिसाव की खबर ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। स्थानीय प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई शुरू करते हुए बालू से भरी बोरियों के जरिए तटबंधों की मरम्मत शुरू की है।
हालांकि रात तक पानी का बहाव इसी तरह रहा तो कई अन्य स्थानों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया है और तटबंधों की कड़ी निगरानी शुरू कर दी है।
लोकाइन नदी के तटबंध टूटने से सोहरापुर, धुरी बिगहा और छियासठ बिगहा जैसे गांवों में पानी घरों में घुस गया है। कई परिवारों ने अपने घरों की छतों पर शरण ली है, जबकि जिनके पास पक्की छत नहीं है, वे पड़ोसियों के घरों या नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में शरण लेने को मजबूर हैं।
बाढ़ के पानी ने कई घरों में रखे अनाज को भी बर्बाद कर दिया है, जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। गलियों में पानी भरने से बच्चों के डूबने का खतरा बढ़ गया है और ग्रामीण जलस्तर और बढ़ने की आशंका से सहमे हुए हैं।
बाढ़ के कारण हिलसा-पभेड़ी मार्ग पर रेडी पुल, दामोदरपुर और सोहरापुर के पास सड़क पर 2 फीट तक पानी बह रहा है। जिससे दर्जनों गांवों का बाजार से संपर्क टूट गया है। शनिवार को उदेरा स्थान से पानी छोड़ा गया, जिसने स्थिति को और गंभीर कर दिया। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। लेकिन कई इलाकों में राहत सामग्री अभी तक नहीं पहुंच पाई है। जिससे ग्रामीणों की स्थिति दयनीय बनी हुई है।
स्थानीय प्रशासन ने संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। ड्राई राशन का वितरण शुरू कर दिया गया है और जरूरत पड़ने पर जगह-जगह सामुदायिक किचन की व्यवस्था की जाएगी।
करायपरसुराय प्रखंड के हसनपैन के पास बाढ़ का पानी एक ओर से दूसरी ओर बहने लगा था, जिसे प्रशासन ने तत्परता से मरम्मत कर नियंत्रित किया। प्रशासन का कहना है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए संसाधन उपलब्ध हैं और नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।
बाढ़ ने किसानों के लिए भारी संकट खड़ा कर दिया है। सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है। जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है, ताकि उनकी आजीविका पर पड़े इस संकट से कुछ राहत मिल सके।
फिलहाल लोकाइन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में प्रशासन और ग्रामीण दोनों के लिए यह समय कठिन चुनौतियों से भरा है। तटबंधों की मरम्मत, राहत सामग्री का वितरण और बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना अब प्राथमिकता है।









