नालंदाबिग ब्रेकिंगबिहार शरीफशिक्षा

Tribal Pride Day: 25 नवंबर तक आयोजित होंगे जनजातीय गौरव पखवारा

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस के अवसर पर 15 नवंबर को ‘जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day)’ मनाने का निर्देश जारी किया है। इस अवसर को और भी खास बनाते हुए 15 से 25 नवंबर तक ‘जनजातीय गौरव पखवारा’ भी आयोजित किया जाएगा। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आवश्यक निर्देश भेजे हैं।

जनजातीय सेनानियों का सम्मान और जागरूकताः जनजातीय गौरव दिवस का मुख्य उद्देश्य है विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान से अवगत कराना और उनके प्रति सम्मान की भावना विकसित करना। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस पखवारे के दौरान विद्यार्थियों को जनजातीय संस्कृति, कला और स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय वीरों की भूमिका के बारे में जागरूक किया जाएगा।

कार्यक्रमों की श्रृंखला: पेंटिंग से लेकर संगोष्ठियों तकः 15 से 25 नवंबर तक विभिन्न सरकारी विद्यालयों में कई प्रकार के सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें विशेष चेतना सत्रों का आयोजन होगा, जहां बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी और उनके योगदान पर विशेष चर्चा की जाएगी। छात्रों के बीच पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी, जहां जनजातीय दीवार लेखन कला के माध्यम से जनजातीय संस्कृति को उकेरने का मौका मिलेगा।

इसके अतिरिक्त जनजातीय इतिहास, संस्कृति और उनके योगदान पर आधारित संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा।  ताकि छात्र-छात्राओं में इस विषय के प्रति अधिक रुचि जागृत हो सके।

संग्रहालय और जनजातीय क्षेत्रों का भ्रमणः जनजातीय गौरव पखवारे के दौरान छात्रों को जनजातीय संस्कृति और इतिहास के प्रति और अधिक जागरूक करने के उद्देश्य से संग्रहालयों और जनजातीय क्षेत्रों का भ्रमण कराया जाएगा। इस पहल के तहत बच्चों को उनके आस-पास के जनजातीय इलाकों में ले जाया जाएगा, ताकि वे इस सांस्कृतिक धरोहर को नजदीक से समझ सकें और इससे जुड़ी विरासत का सम्मान कर सकें।

शिक्षा विभाग की नई पहलः यह पहल छात्रों को न केवल इतिहास से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि उन्हें जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और उनके संघर्षों के बारे में भी सिखाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन बच्चों में जनजातीय समाज के प्रति सम्मान और गर्व की भावना विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा।

इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से सभी विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सक्रिय रूप से इन कार्यक्रमों में भाग लें और विद्यार्थियों को इस ऐतिहासिक अवसर पर जनजातीय गौरव से अवगत कराएं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button
ये हैं भारत के 15 विश्व प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय: प्राचीन इतिहास की नई शुरुआत 10 most beautiful actresses in the world : विश्व की 10 सबसे सुंदर अभिनेत्रियां जानें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े अनसुलझे रहस्य

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker