“इस गांव में वर्चस्व को लेकर पिछले दो दशक से दोन गुटों के बीच अकसर झड़प व गोलीबारी की घटना मामूली बात हो गई है। आधा दर्जन लोगों की हत्याएं हो चुकी है….”
नालंदा दर्पण (एस भारती)। बुधवार को फिर गोलियां की तड़तड़ाहट से शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय थाना के कबीरपुर गांव दहल उठा।
कहा जाता है कि रामवीर यादव पिता रामनंदन यादव, गुड्डू यादव तथा रंजीत यादव दोनों भाई पिता यदुनंदन यादव अपने गुर्गों के साथ मिलकर कामु यादव व उदय यादव के घर पर आकर गाली गलौज करते हुए अचानक अधांधुध फायर करने लगे।
उस समय घर के सभी मर्द खेत-खलिहान में थे। महिलाएं घर के अन्दर दरवाजा बंद कर के डरी सहमी थी। इसी बीच मवेशी को चारा दे रहे उदय यादव के चौदह वर्षीय पुत्र श्याम सुंदर कुमार पर हमलावरों की नजर पड़ी तो रामविर यादव ने उक्त लड़का पर गोली चला दिया। गोली लड़के को बायां पंजड़ा में जा लगी तथा लड़का बेहोश होकर गिर पड़ा। इसके बाद सारे हमलावर भाग गए।
सूचना मिलते ही शेखोपुरसराय थानाध्यक्ष घटनास्थल पहुंचे और ग्रामीण के सहयोग से घायल लड़के को ईलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शेखोपुरसराय लेकर गए। जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर ईलाज के लिए शेखपुरा भेज दिया। वहां भी चिकित्सकों ने घायल लड़के की नाजुक स्थिति को देख पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया।
बता दें कि अपनी वर्चस्व बनाने के लिए वर्ष 2001 में जितेंद्र यादव व गुड्डू यादव तथा इनके गुर्गों द्वारा राजो यादव की हत्या गोली मारकर कर दी गई थी, वहीं पुनः वर्ष 2003 में इन्हीं लोगों के द्वारा विनोद यादव की हत्या गोली मारकर कर दिया गया था।
इसके बाद उक्त दोनों हत्यों का बदला लेने के लिए दूसरे गुट के विकास यादव, भरत यादव व गणित यादव ने शेखपुरा जाने के क्रम में जितेंद्र यादव को शेखोपुरसराय थाना क्षेत्र के पनहेसा गांव के समीप गोली मारकर हत्या कर की।
इस वारदात का मुख्य अभियुक्त गणित यादव घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर बाईक से भागने के क्रम में बाईक पेड़ से टकरा गया तथा उसकी मौत हो गई थी। जबकि दो अन्य आरोपी विकास व भरत अभी भी जेल में बन्द है।
इस तरह की घटना घटित होने से कवीरपुर गांव के अन्य लोग दहशत में है। दूसरा पक्ष बदला लेने की फिराक में है।