राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगर राजगीर में एक भीषण सड़क हादसा में एक साथ 4 युवकों की हुई मौत के बाद आहूत बंद को लेकर थानेदार द्वारा दर्ज कथित फर्जी मुकदमा का मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है।
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस मामले में राजगीर डीएसपी सोमनाथ प्रसाद की भूमिका सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक डीएसपी के ईशारे पर पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर चिन्हित 4 युवकों को निशाना बनाया गया है। जिसमें तथाकथित सामाजिक लोगों की भूमिका भी संदिग्ध है।
हालांकि आज राजगीर थाना में खुद थानेदार की आवेदन पर दर्ज मामले को लेकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल डीएसपी से मिलकर मामले की निष्पक्ष जाँच करने की मांग करने वाले हैं। इसका निर्णय कल सर्वसम्मति से एक बैठक में लिया गया था।
इसी बीच राजगीर के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता रवि ज्योति ने एसपी को दो टूक लिखा है कि इस मामले के सभी बिंदुओं पर निष्पक्षता से जाँच कराते हुए ‘दोषी बचे नहीं और निर्दोष फंसे नहीं’ की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए।
बता दें कि श्री ज्योति विधानसभा जनप्रतिनिधि निर्वाचित होने पहले खुद पुलिस सेवा में थे और वे जिले के कई थानों के थानेदार भी रह चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि फर्जी मामले में नामजद सभी 4 आरोपियों ने पूर्व विधायक को आवेदन देकर बताया है कि पुलिस उन्हें बेबजह फंसा रही है। पुलिस जिस समय की घटना को जिस तरीके से बता रही है, उस समय वे लोग थे हीं नहीं।
सभी आरोपियों ने यह भी बताया है कि कथित घटनास्थल के चारो ओर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। अगर वे वहाँ मौजूद हैं और कोई असमाजिक हरकत कर रहे हैं तो सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जा सकते हैं। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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