नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी सरकार पंचायय चुनाव से उन जनप्रतिनिधियों को बंचित रखेगी, जो पड़ताल में सात निश्चय योजनाओं में गड़बड़ निकलेगें।
लेकिन उनके ही गृह जिले नालंदा में सब कुछ उल्टा नजर आ रहा है। कहीं कोई गड़बड़ी की न तो जाँच हुई और न ही किसी को चुनाव लड़ने से बंचित किया गया। इसमें प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही या मिलिभगत हो सकती है।
नतीजतन विकास योजनाओं में जमकर लूट-खसोंट वाले प्रायः पंचायत मुखिया अपनी पुरानी गैंग के साथ चुनाव में पुनः खिलखिला रहे हैं। उन्हें लगता है कि एक बार फिर पैसा फेंक कर तमाशा खेल जाएंगे।
नगरनौसा प्रखंड के रामपुर पंचायत को लीजिए। यहाँ सीएम सात निश्चय योजना की जल-नल हो या फिर नली-गली, हर तरफ एक ही आलम है। मुखिया ‘डेगन गोप’ ने सिर्फ लूट-खसोंट मचाकर स्कार्पियो भ्रमण किया है। उदाहरण के तौर पर वार्ड संख्या-01 गांव मोहीउद्दीनपुर को लीजिए।
आप जो तस्वीर देख रहे हैं। उसे देखकर अंदाजा लगाईए कि क्या यह कार्य 9 लाख रुपए किस मद में खर्च किए गए होंगे। अदद बोरिंग और पानी टंकी, जो हवा के एक झोंके से बिखर चुका है, उसकी नौलख्खा क्वलिटि यही है?
सरकारी आकड़ों में दर्ज भौतिक स्थिति के अनुसार इस वार्ड में कुल 10 लाख 63 हजार 1 सौ 89 रुपए की लागत खर्च से ग्रामीणों के लिए जल नल की व्यवस्था करनी थी, लेकिन कुल जमा 9 लाख रुपए खर्च करके कार्य पूर्ण दिखा दिए गए। भले ही किसी ग्रामीण को पीने का एक बूंद पानी भी नसीब क्यों न हो सका हो !
इस वार्ड के आलावे वार्ड संख्या-10 सीएम सात निश्चय योजना के तहत जल-नल योजना के तहत कुल राशि 13 लाख 44 हजार 6 सौ 26 रुपए खर्च की जानी थी, लेकिन 8 लाख 99 हजार रुपए खर्च कर जल टंकी बनाई गई, जो प्रायः लोगों की प्यास बुझाने में नाकाबिल है।
इसी तरह वार्ड संख्या-08 ग्राम रामपुर में हर घर नल जल का निर्माण योजना की पूरे 10 लाख रुपए की राशि खर्च कर योजना पूर्ण कर दी गई।
वहीं वार्ड-12 में कुल 14 लाख 50 हजार रुपए की लागत खर्च से जल नल योजना का क्रियान्वयन किया जाना था, लेकिन यहाँ 13 लाख रुपए की राशि खर्च दर्शाते हुए आधी-अधूरे पानी टंकी का समापन घोषित कर दिया गया।
वहीं वार्ड संख्या-09 में कुल 14 लाख जल-नल योजना मद से 10 लाख रुपए और वार्ड संख्या-02 में 15 लाख 50 हजार रुपए की पूरी राशि खर्च कर दी गई। फिर भी लोग पानी का इंतजार कर रहे हैं।
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