इसलामपुर (नालंदा दर्पण )। सरकार की मानव कल्याण से जुड़ी विकास योजनाएं धरातल पर कहीं-कहीं पूरी तरह से नंगी नजर आती है। एक ऐसा ही दुर्भाग्यपूर्ण मामला इसलामपुर क्षेत्र से सामने आया है।
इसलामपुर प्रखंड के हडबसपुर गांव के शांति बिगहा निवासी नागेश्वर राम की पत्नी चिंता देवी ने बताया कि उसके पति दिव्यांग हैं, जो बेड पर पड़े रहते हैं। वे बीमार हालत में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं।
चिंता देवी के अनुसार उसे तीन पुत्र हैं। जिसमे एक बेटा दुर्गा राम अपने परिवार के साथ अलग रहता है। दो बेटा उसके परिवार के साथ में रहता है। इसमें एक बेटा विक्की राम भी दिव्यांग है। जिसकी पत्नी पूजा देवी और 3 वर्षीय विशाल कुमार एवं 4 वर्षीय विक्रम कुमार है।
चिंता देवी आगे बताती है कि उसका दूसरा बेटा राहुल राम की पत्नी प्रीती कुमारी है। सबका भरण पोषण वह मजदूरी कर करती है। इधर वह भी बीमार है और काम धंधा के आभाव में पूरेपरिवार को खाने के लाले पड़ गए हैं।
चिंता देवी ने बताया कि पहले उसे और उसके पति को वृद्धा पेंशन मिलता था। लेकिन इधर पति को वृद्घा पेंशन नहीं मिल रहा है। सरकारी राशन भी नहीं मिलता है।
फिलहाल इधर-उधर से मांग-चांग के गुजारा कर रहे हैं और रोज अन्नदाता के इंतजार में लगे रहते हैं। लॉकडाउन कारण काम नही मिलने से परेशानी बढ़ गई है। भगवान भरोसे सपरिवार किसी तरह जिंदा है। कब तक रहेंगे, कह वहीं सकते।