जीविका दीदियों के लिए खुलेगा जीविका निधि बैंक और होगा मेगा ऋण वितरण

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार में ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई है। जीविका दीदियों के लिए एक नया विशेष बैंक जीविका निधि बैंक स्थापित किया जाएगा। इस बैंक के संचालन के लिए 650 कर्मियों की भर्ती की जाएगी, जिसके लिए सरकारी स्तर पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। इस कदम से जीविका दीदियों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध होगा, जिससे उनकी निर्भरता माइक्रोफाइनेंस कंपनियों और स्थानीय साहूकारों पर कम होगी।
इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक, बिहार ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने संयुक्त रूप से 2719 व्यक्तियों के बीच 13,812.71 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया। इस ऋण 450 लाखपति जीविका दीदियों के बीच 5.59 करोड़ रुपये का ऋण, 737 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 2873.45 करोड़ रुपये, कृषि क्षेत्र में 11.27 करोड़ रुपये का ऋण वितरण शामिल हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में बिहार की तस्वीर बदल दी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सड़क और बिजली जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है। जीविका दीदियों के अलावा बिहार में हजारों बैंक सखी, पशु सखी और अन्य स्वावलंबी समूह बनाए गए हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।
बता दें कि ‘जीविका निधि बैंक’ की स्थापना 1000 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी, जिसका मुख्य उद्देश्य जीविका दीदियों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करना है। यह बैंक ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय समावेशन और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत मंच प्रदान करेगा। जिले में 18 शाखाएं खोली जाएंगी, जिनमें 16 प्रखंड स्तर पर और एक जिला स्तर पर होगी। इन शाखाओं के संचालन के लिए 653 पदों का सृजन किया गया है, जिसमें सहायक प्रबंधक, लेखापाल और जिला प्रबंधक जैसे पद शामिल हैं।
इस पहल से जीविका दीदियों को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों पर निर्भरता कम होगी, और वे अपने उद्यमों को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सकेंगी। जीविका की डीपीएम अनीशा ने बताया कि जीविका निधि बैंक की शाखाएं ऑनलाइन नेटवर्क से जुड़ी होंगी, जिससे दीदियों को ऋण और अन्य बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच मिलेगी।
पंजाब नेशनल बैंक के अंचल महाप्रबंधक संजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि बिहार ग्रामीण बैंक एक ‘बिहारी बैंक’ है, जो बिहार के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारा लक्ष्य एक लाख जीविका दीदियों को पोषित करना है और इसके लिए 3,500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। बिहार में ग्रामीण बैंक की 2104 शाखाएं हैं, जो गरीबों और ग्रामीण समुदायों की सेवा के लिए समर्पित हैं।
सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बैंकों से अपील की कि वे जीविका दीदियों को और अधिक सहयोग प्रदान करें। उन्होंने प्रत्येक घर को जीविका समूह से जोड़ने का सुझाव दिया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका दीदियों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। अगर बैंक अपेक्षित सहयोग दें तो निश्चित रूप से दीदियां और आगे बढ़ेंगी।
हालांकि सांसद ने नालंदा जिले में केवल 44% ऋण वितरण पर चिंता जताई और बैंकों से इसे बढ़ाने का आग्रह किया। बैंकों के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया कि जीविका दीदियों और अन्य जरूरतमंदों के लिए उनके द्वार हमेशा खुले हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में विश्व बैंक की सहायता से शुरू हुई जीविका परियोजना आज बिहार की 1.40 करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक मजबूत मंच बन चुकी है। यह परियोजना स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रही है। जीविका दीदियों ने न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारी है, बल्कि सामाजिक बदलाव में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जीविका दीदियों के लिए दो बड़े फैसले लिए हैं: पहला, 3 लाख रुपये से अधिक के ऋण पर ब्याज दर को 10% से घटाकर 7% करना और दूसरा, जीविका से जुड़े 1.40 लाख कर्मियों के मानदेय को दोगुना करना। इन फैसलों से जीविका दीदियों और कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वे अपने कार्य को और अधिक उत्साह के साथ करेंगे।
इस मेगा ऋण वितरण समारोह में कई प्रमुख हस्तियां शामिल थीं, जिनमें पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख संदीप कुमार चौधरी, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ चौधरी, वरीय उप समाहर्ता (बैंकिंग) संजीत बख्शी, जीविका डीपीएम संजय प्रसाद पासवान, डीडीएम अमृत बरनवाल, एलडीएम श्रीकांत सिंह, एसडीओ आशीष नारायण, डीएसपी सुनील कुमार सिंह, डीसीएलआर राजीव रंजन, मैनेजर नीरज कुमार मेहता आदि शामिल हैं।









