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मनमानीः पदाधिकारी हो मेहरबान तो स्कूल आने पर किसका ध्यान

बेन (रामावतार)। शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को पढ़ाने से ज्यादा अफसरशाही में आनंद आता है। यही कारण है कि कई शिक्षक अपने मूल विद्यालय में पढ़ाने की वजाय ब्लॉक या बीआरसी में प्रतिनियुक्ति करा मटर गश्ती मारने में लगे हैं।

ऐसा हीं मामला बेन प्रखंड में देखा जा रहा है। विभाग का एकादमिक कार्य करने के लिए वर्षों पूर्व बीआरसी एवं ब्लॉक में प्रतिनियुक्त किया गया। लेकिन प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो जानें पर भी शिक्षक बीआरसी में जमे हैं। जबकि ऐसे शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में जानें का निर्देश दिया गया है।

जानकारी अनुसार दस वर्ष से अधिक समय से राजदेव प्रसाद, सुनील कुमार सहित कई अन्य शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाए बीआरसी एवं ब्लॉक में हीं जमे हुए हैं। और पदाधिकारी भी बीआरसी एवं ब्लॉक में जमे शिक्षकों को हटा नहीं पा रहे हैं।

विद्यालयों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसने के लिए शासन की हर कवायद को जिम्मेदार हीं पलीता लगा रहे हैं। यहाँ दो तीन शिक्षक अपनी मर्जी से नौकरी कर रहे हैं। ऐसे शिक्षकों पर अंगूली उठाने वाला भी कोई नहीं है। अपने मूल विद्यालय को छोड़कर बीआरसी एवं ब्लॉक में डटे रहते हैं।

इतना हीं नहीं कुछ शिक्षक तो बीईओ के साथ रहते। इन शिक्षकों को बीआरसी में देखे जाने पर इस संबंध में जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किरण कुमारी से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट जबाब न देकर बताया गया कि स्कूल ऑफ होने पर बीआरसी आते हैं।

जबकि हकीकत है कि स्कूल में कम और बीआरसी में ये शिक्षक ज्यादा समय देते हैं। सूत्रों की मानें तो दें भी क्यों नहीं ऐसे शिक्षकों के इशारे पर हीं अन्य शिक्षकों को इधर से उधर किया जाता है। और गड़बड़ी भी की जाती है।

सूत्रों ने यह भी कहा कि ऐसे शिक्षकों की वजह से हीं स्कूलों में शिक्षण कार्य सही तरीके से नहीं हो पाता है।

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