नालंदा दर्पण डेस्क। नगरनौसा प्रखंड का एक पंचायत ऐसा भी है, जहाँ हर योजना बेईमानी साबित है। जल-नल, नली-गली, शौचायल आदि जैसे योजनाओं का सरकारी आकड़े कुछ कहते हैं, जमीनी हकीकत कुछ और वयां कर रही है।
इस पंचायत में विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में हर तरफ अनियमिता ही झलकती है। सीएम सात निश्चय योजना के तहत जल-नल योजना और नली-गली योजना का सही लाभ आम जनता को नहीं मिली है।
इस पंचायत में भी कई ऐसे योजनाएं क्रियान्वित हैं। जिसकी पूरी राशि निकाल ली गई है और कार्य या तो शुरु नहीं किया गया है या फिर अधूरा पड़ा है। कई पूर्ण योजनाओं को देखने साफ स्पष्ट होता है कि निर्गत राशि का आधा कार्य भी नहीं किया गया है।
यहाँ जल नल की दर्जन भर योजना पूर्ण बताई जाती है, उसका पूर्ण भुगतान भी हो चुका है, लेकिन ग्रामीणों को उसका लाभ नहीं मिल सका। पीने के पानी के लिए दूरे जल स्रोत पर वे आज भी निर्भर हैं।
यहाँ जल नल से भी अधिक बेड़ा गर्क नली-गली योजना की है। जीर्ण-शीर्ण लघु कार्य के नाम पर भी भारी भरकम राशि निकाल कर बंदरबांट कर ली गई है। जिसमें वार्ड सदस्य से लेकर मुखिया और प्रशासनिक अफसरों साफ मिलिभगत रही है। ग्रामीण की किसी भी शिकायत की कभी कोई नोटिश नहीं ली गई।
सरकारी आकड़ों के मुताबिक अरियावाँ पंचायत में देखिए सीएम सात निश्चय योजना के तहत भारी भरकम राशि से जल नल योजनाओं की क्रियान्वित सूची…
सरकारी आकड़ों के मुताबिक अरियावाँ पंचायत में देखिए सीएम सात निश्चय योजना के तहत भारी भरकम राशि से नली-गली योजनाओं की क्रियान्वित सूची…