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    Wednesday, March 26, 2025
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      अब बिना स्कूल गए नहीं बनेगी हाजिरी, टैबलेट से ऑनलाइन दर्ज होगी बच्चों की उपस्थिति

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को अधिक अनुशासित और पारदर्शी बनाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत नालंदा जिले के पांच सरकारी स्कूलों में कक्षा तीन के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति अब टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

      शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सरकारी शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने के बाद अब छात्रों की उपस्थिति को भी डिजिटल रूप देने की योजना को हरी झंडी दे दी है। इसके तहत चयनित स्कूलों में प्रथम घंटी में शिक्षकों के द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति टैबलेट पर दर्ज की जाएगी। यही नहीं क्लासरूम की तस्वीर भी ई-शिक्षाकोष ऐप पर अपलोड की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उपस्थिति वास्तविक है।

      फिलहाल यह योजना नालंदा जिले के तीन सरकारी मिडिल स्कूलों और दो प्राइमरी स्कूलों में लागू की जा रही है। यदि यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो आगे इसे सभी कक्षाओं और सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा।

      सरकार की इस पहल का उद्देश्य सिर्फ उपस्थिति दर्ज करना नहीं है, बल्कि छात्रों के अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के परिणाम, पूर्ण किए गए पाठ्यक्रम और विषयवार अध्यायों का भी रिकॉर्ड ऑनलाइन रखना है। इससे न केवल छात्रों की पढ़ाई का ट्रैक रखा जा सकेगा, बल्कि शिक्षक भी यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि पूरे शैक्षणिक सत्र में कौन-कौन से पाठ पूरे किए गए हैं।

      बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने 8 फरवरी तक पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित स्कूलों को 5 टैबलेट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके अलावा शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे ई-शिक्षाकोष ऐप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने और अन्य डेटा अपडेट करने में सक्षम हो सकें।

      इस नई प्रणाली के लागू होने से सरकारी स्कूलों में उपस्थिति में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगेगी। अब बिना स्कूल गए छात्रों की हाजिरी नहीं लग सकेगी। इसके अलावा पारदर्शिता बढ़ेगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

      यदि यह योजना सफल रहती है, तो सभी सरकारी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति केवल ऑनलाइन माध्यम से ही दर्ज की जाएगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस योजना से स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा, शिक्षकों की जिम्मेदारी तय होगी और छात्रों की पढ़ाई का सही तरीके से रिकॉर्ड रखा जा सकेगा।

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