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चिकसौरा थानाध्यक्ष लक्ष्मी भारती पर गिरी गाज, मुखिया का चक्कर पड़ा मंहगा

कुछ दिन पहले प्रिया अपनी मां के साथ वापस ससुराल लौटी और गांव के किनारे एक झोपड़ी में रहने लगी। इसको लेकर पंचायत भी बुलाई गई, लेकिन सुलह नहीं हो पाई। इसके बाद...

हिलसा (नालंदा दर्पण)। चिकसौरा थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ थाने में बदसलूकी, गाली-गलौज और मारपीट के गंभीर आरोपों के बाद मामला तूल पकड़ गया है। पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए चिकसौरा थानाध्यक्ष लक्ष्मी भारती को निलंबित कर दिया है और उनकी जगह रवींद्र कुमार को नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है।

मामला अमात गांव का है, जहां 23 मई की रात ग्रामीणों ने गुस्से में आकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पुलिस वैन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिसकर्मियों को जान बचाकर भागना पड़ा।

यह पूरा विवाद अमात गांव निवासी पंकज कुमार और उसकी पत्नी प्रिया कुमारी के बीच घरेलू हिंसा से शुरू हुआ था। 2021 में शादी के बाद कुछ समय तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन फिर पंकज पर दहेज की मांग को लेकर पत्नी से मारपीट करने के आरोप लगे। तंग आकर प्रिया मायके लौट गई और मामला अदालत पहुंच गया।

कुछ दिन पहले प्रिया अपनी मां के साथ वापस ससुराल लौटी और गांव के किनारे एक झोपड़ी में रहने लगी। इसको लेकर पंचायत भी बुलाई गई, लेकिन सुलह नहीं हो पाई। इसके बाद कथित तौर पर पंचायत मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण कुमार उर्फ बिंदु मुखिया और पुलिस की मिलीभगत से मां-बेटी को जबरन थाने बुलवाया गया।

प्रिया कुमारी का आरोप है कि थाने में उनके साथ बदसलूकी की गई और पुलिस ने 20 हजार रुपये की मांग की। साथ ही उन्हें मजबूर किया गया कि वही बयान दें, जो पुलिस उन्हें लिखवाए। जब उन्होंने ससुराल लौटने की बात कही तो पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि वे दोबारा गांव न आएं।

इस घटना की जानकारी जब प्रिया ने ग्रामीणों को दी तो गांव में आक्रोश फैल गया। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस पीड़िता को न्याय देने की बजाय उत्पीड़न कर रही है। इसी बात को लेकर गांव में बहस छिड़ गई, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचा।

घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की, जिसके बाद तत्काल जांच कर थानाध्यक्ष लक्ष्मी भारती को पद से हटा दिया गया। उनके खिलाफ कोर्ट में परिवाद भी दायर किया गया है, जिसमें बिंदु मुखिया और अन्य सहयोगियों के नाम भी शामिल हैं।

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