नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार में पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को नये स्कूलों में पदस्थापन के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ेगा। आसन्न लोकसभा चुनाव को लेकर सूबे में लागू आचार संहिता के कारण शिक्षकों के पदस्थापन की प्रक्रिया रुकी हुई है।
वहीं शिक्षा विभाग ने तीन सक्षमता परीक्षा पूरी होने के बाद ही शिक्षकों का पदस्थापन कार्य की तैयारी की है। ताकि, अधिकतम शिक्षकों का एक साथ पदस्थापन हो। इसे लेकर उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है, जिसपर जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।
दूसरी सक्षमता परीक्षा के लिए नियोजित शिक्षकों से आवेदन की मांग भी की गयी है, जिसकी अंतिम तारीख चार मई है। नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण होने के लिए पांच मौके दिये जाने हैं। इनमें तीन परीक्षाएं ऑनलाइन तो दो लिखित होंगी।
चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना होनी है। चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव आचार संहिता समाप्त हो जाएगा। पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को नये सिरे से पदस्थापन के लिए काउंसिलिंग होनी थी। इसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति मांगी गयी थी, जो नहीं मिली।
विभागीय पदाधिकारी के अनुसार तीन सक्षमता परीक्षा मिलाकर कुल जितने शिक्षक उत्तीर्ण होंगे, उनका काउंसिलिंग कराकर नये स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। तीन सक्षमता परीक्षा के बाद स्कूल में पदस्थापन करने से अधिकतम शिक्षक इसके दायरे में आएंगे। इससे एक साथ अधिकतम स्कूलों में नये सिरे से शिक्षकों का पदस्थापन हो सकेगा। वर्तमान में आचार संहिता लागू है, जिसके बीच में परीक्षाओं के आयोजन की तेजी से तैयारी चल रही है।
बता दें कि फिलहाल बिहार में पहली सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण एक लाख 87 हजार शिक्षकों का पदस्थापन अभी रुका हुआ है। सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों को उनके प्राप्तांकों के आधार पर मनपसंद जिला आवंटित किया गया है।
सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों का आवंटित जिले के स्कूल में ही पदस्थापन होगा। इसके लिए राज्यभर में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की विषयवार रिक्ति तैयार की जा रही है। इसे लेकर विभाग ने जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया है। सभी जिलों से प्राप्त रिक्त पदों की सूची विभाग के सॉफ्टवेयर पर अपलोड की जाएगी।