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ककोलत जलप्रपात में उमड़ी भीड़, प्रशासनिक अव्यवस्था से पर्यटकों की बढ़ी परेशानी

पर्यटकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था, समुचित पार्किंग और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि ककोलत जलप्रपात का अनुभव वास्तव में सुकून देने वाला बन सके।

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए नवादा जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात एक बार फिर सैलानियों की पहली पसंद बन गया है। यहां हजारों की संख्या में लोग ककोलत की ओर उमड़ रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक तैयारियों की पोल उस समय खुल गई, जब भीड़ के कारण यातायात जाम हो गया और मूलभूत सुविधाओं की कमी से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

Crowds gathered at Kakolat waterfall, tourists' problems increased due to administrative chaos
Crowds gathered at Kakolat waterfall, tourists’ problems increased due to administrative chaos

गर्मी के इस मौसम में केवल नवादा ही नहीं, बल्कि शेखपुरा, नालंदा, गया और पटना जैसे आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग ककोलत पहुंचे। लेकिन भारी भीड़ और अव्यवस्थित पार्किंग के कारण मुख्य सड़क पर ही वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। घंटों तक जाम में फंसे लोग ना पीने के पानी की व्यवस्था पा सके और ना ही छांव का सहारा मिला।

पर्यटकों ने बताया कि बैरियर पर ही पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा था, लेकिन अंदर जाने पर वाहन खड़ा करने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं थी। परिणामस्वरूप कई वाहन वापस मोड़ने को मजबूर हुए।

होटल संचालकों की मनमानी कीमतें भी लोगों के लिए परेशानी का कारण बनीं। पर्यटकों के अनुसार एक गर्म पानी की बोतल 25 से 30 रुपए में बिक रही थी। वहीं एक समोसे की कीमत 20 रुपए तक जा पहुंची। साधारण थाली भोजन के लिए 80 रुपए वसूले जा रहे थे, वो भी बहुत कम मात्रा में।

कई पर्यटकों ने होटल कर्मियों के रूखे व्यवहार की भी शिकायत की। एक महिला पर्यटक ने बताया कि यहां के होटल वाले कहते हैं लेना है तो लो, नहीं तो और ग्राहक बहुत हैं।

Crowds gathered at Kakolat waterfall, tourists' problems increased due to administrative chaos
Crowds gathered at Kakolat waterfall, tourists’ problems increased due to administrative chaos

हालांकि प्रशासन द्वारा ककोलत परिसर में महिला-पुरुषों के लिए अलग चेंजिंग रूम, शौचालय, सेल्फी प्वाइंट और पार्क जैसी सुविधाएं विकसित की गई हैं, लेकिन ट्रैफिक कंट्रोल और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह नाकाम रही।

कई लोग बार-बार यही कहते नजर आए कि पहले जब लोग खुद खाना बनाकर लाते थे और खुले वातावरण में घूमते थे, तब कम खर्च में ज्यादा आनंद मिलता था।

पर्यटकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक व्यवस्था, समुचित पार्किंग और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए, ताकि ककोलत जलप्रपात का अनुभव वास्तव में सुकून देने वाला बन सके। अगर शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह प्राकृतिक सौंदर्यस्थल भी पर्यटकों के लिए परेशानी का पर्याय बन सकता है।

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